उत्तर प्रदेश, नोएडा: जिले की 13 ग्राम पंचायतों ने टीबी की बीमारी को मात दी
उत्तर प्रदेश, नोएडा: जिले की 13 ग्राम पंचायतों ने टीबी की बीमारी को मात दी

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। जिले की 13 ग्राम पंचायतों ने टीबी की बीमारी को मात दी। जबकि, एक का निरीक्षण चल रहा है। पहली बार एक समय में इतने अधिक ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त होने की घोषणा की गई। इससे पहले महज चार ग्राम पंचायत ही टीबी मुक्त थे।
टीबी मुक्त होने वाले ग्राम पंचायत दादरी, जेवर और बिसरख के हैं। इन ग्राम पंचायत में स्वास्थ्य विभाग सहित तीन विभागों ने सर्वे और भौतिक निरीक्षण किया। प्रत्येक एक हजार की जनसंख्या पर एक या इससे कम टीबी रोगी होने की स्थिति में बीमारी मुक्त ग्राम पंचायत की जिला प्रशासन की ओर से घोषणा की जाती है। पिछले दस दिनों से इन गांवों में तीनों विभाग की टीम ने निरीक्षण कर मरीजों की स्थिति जानी। जिला टीबी नियंत्रण अधिकारी डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि पहली बार एक साथ इतनी अधिक संख्या में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत की घोषणा हुई है। इसके बाद भी जिले के अन्य ग्राम पंचायतों को चिंहित कर बीमारी से संबंधित जानकारी ली जाएगी। इसके बाद ऐसे स्थानों पर भी यह कार्यक्रम चलेगा। इसमें अन्य विभागों के भी अधिकारी शामिल होते हैं। ऐसे में सभी एक समय ही इसका भौतिक निरीक्षण करते हैं। ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
24 मार्च को सम्मानित होंगे
टीबी की बीमारी से मुक्त ग्राम पंचायतों को सम्मानित करने के लिए 24 मार्च का दिन निर्धारित किया गया है। इस दिन विश्व टीबी दिवस भी मनाया जाता है। इस दिन ग्राम प्रधानों को प्रशस्ति पत्र और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति दी जाएगी। इसके बाद ग्राम प्रधानों को नियमित रूप से गांवों में टीबी मरीजों की निगरानी भी करनी होगी। नए मरीज मिलने की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देनी होगी। वहीं, जो भी मरीज हैं उनके इलाज, दवा आदि मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करना होगा।
जिले में इस बीमारी के 14 हजार मरीज
जिले में टीबी के 14 हजार मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें से करीब 15 प्रतिशत यानि दो हजार से अधिक मरीज अपने खर्च से इलाज करवा रहे हैं। वहीं, अन्य मरीजों को स्वास्थ्य विभाग निशुल्क इलाज और दवाएं उपलब्ध करा रहा है। टीबी के सभी बड़ी जांच जिले में उपलब्ध हैं। पहले कई जांचों के लिए गाजियाबाद या मेरठ जाना पड़ता था। साथ ही जांच और इलाज के केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है। जिला अस्पताल की ओपीडी में ही प्रत्येक दिन 200 से अधिक टीबी के संदिग्ध मरीज इलाज के लिए आते हैं।
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