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उत्तर प्रदेश, नोएडा: जानिए नोएडा के किन जगहों पर चल रहा ड्रग्स का धंधा, आरटीआई में हुआ चौंका देने वाला खुलासा

उत्तर प्रदेश, नोएडा: जानिए नोएडा के किन जगहों पर चल रहा ड्रग्स का धंधा, आरटीआई में हुआ चौंका देने वाला खुलासा

अमर सैनी

उत्तर प्रदेश, नोएडा। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में ड्रग्स का धंधा आम है। पुलिस लगातार ड्रग्स बेचने वाले आरोपियों पर कार्रवाई कर रही है। लेकिन इसके बाद भी नशे का अवैध धंधा जारी है। नोएडा के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रंजन तोमर की आरटीआई पर चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। डॉ. रंजन तोमर के आरटीआई में पूछे गए सवालों पर कमिश्नरी पुलिस का जवाब दिया गया है।
दरअअसल शहर के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रंजन तोमर ने नोएडा पुलिस कमिश्नरेट में आरटीआई लगाई थी। जिसके जरिए शहर के किस कोने या किस थाना क्षेत्र में नशीले पदार्थों का कारोबार चलता है और कहां सबसे ज्यादा मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद होते हैं, कहां सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां होती हैं, इसकी जानकारी मांगी गई थी। अब इसी के जिसके जवाब में जन सूचना अधिकारी ने 36 पन्नों का दस्तावेज भेजा है, जिसमें सभी एसीपी क्षेत्रों से सूचनाएं संकलित कर मंगाई गई हैं। प्रत्येक एसीपी ने अपने अधीन आने वाले थाना क्षेत्रों से यह सूचनाएं मंगाई हैं। गौरतलब है कि यह जानकारी 2022 से 2024 के बीच की अवधि के संबंध में मांगी गई थी।

सेक्टर 126 थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा तस्कर
आरटीआई के मुताबिक शहर में सबसे ज्यादा ड्रग्स तस्कर एसीपी 1 के अंतर्गत आने वाले थाना 126 में पकड़े गए हैं, यह जानकारी थाना प्रभारी निरीक्षक ने दी है, जिसके अनुसार 2022 से 2024 के बीच 119 किलोग्राम नशीले पदार्थ बरामद किए गए और 45 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। बता दें कि इस थाना क्षेत्र में नामी यूनिवर्सिटी समेत कई आईटी कंपनियां है। कुछ ग्रामीण इलाकों से भी ड्रग्स बरामद किए गए हैं। इसके अलावा एसीपी 1 के अंतर्गत आने वाले अन्य थानों में यह संख्या शून्य बताई गई है। एसीपी 3 के अंतर्गत आने वाले सेक्टर 49 थाने में इस अवधि में एमडीएम नशीले पदार्थ 8. 27 मिलीग्राम और डायजेपाम 270 ग्राम जब्त किए गए जबकि 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा अन्य किसी थाना क्षेत्र में कोई नशीले पदार्थ बरामद नहीं हुए।

सेंट्रल नोएडा ने नहीं बिकता ड्रग्स?
एसीपी 1 सेंट्रल नोएडा से मिली जानकारी के अनुसार किसी भी थाना क्षेत्र में कोई मादक पदार्थ बरामद नहीं हुआ। एसीपी 2 सेंट्रल और एसीपी 3 सेंट्रल नोएडा में यह संख्या शून्य बताई गई है। जबकि सेंट्रल नोएडा में भी कई जगहों पर ड्रग्स का कारोबार जारी है। आरटीआई में दी गई यह जानकारी समझ से परे है। पुलिस की तरफ से यह जानकारी मिलना वाकई हैरानी की बात है।

ग्रेटर नोएडा की जानकारी ने किया हैरान
इसी तरह ग्रेटर नोएडा एसीपी 1, 2, 3 और 4 ने भी अपने थाना क्षेत्रों से दी गई जानकारी में बताया है कि उनके किसी भी थाना क्षेत्र में मादक पदार्थ बरामद नहीं हुआ है। हालांकि कमिश्नरेट पुलिस ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी दी है, लेकिन ग्रेटर नोएडा जैसे यूनिवर्सिटी हब में शून्य मादक पदार्थ मिलना समझ में नहीं आता, क्योंकि पिछले साल कुछ समय पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ग्रेटर नोएडा में ही करीब 150 करोड़ के मैक्सिकन मादक पदार्थ गिरोह का पर्दाफाश किया था, इसके अलावा कई अफ्रीकी गिरोह द्वारा मादक पदार्थ बेचने की खबरें भी ग्रेटर नोएडा से आती रहती हैं, ऐसे में ग्रेनो पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को इस पर नकेल कसनी होगी।

नोएडा जोन पुलिस की सराहना

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रंजन तोमर का कहना है कि नोएडा एसीपी 1 सराहना करना आवश्यक है, जहां सबसे ज्यादा नशीले पदार्थ पकड़े जा रहे हैं और लगातार गिरफ्तारियां भी हो रही हैं, लेकिन यहां यह ध्यान रखना होगा कि यह काम आगे भी जारी रहना चाहिए, नशे का यह कारोबार गांवों तक भी पहुंच चुका है, इसलिए वहां जांच और गिरफ्तारी की विशेष जरूरत है।

नारकोटिक्स विभाग का कार्यालय हो
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रंजन तोमर का कहना है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को नोएडा जैसे शहर में एक स्थायी कार्यालय खोलना चाहिए, ताकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और नए विकसित हो रहे जेवर पर विशेष नजर रखी जा सके। इस संबंध में तोमर भारत सरकार को एक पत्र भी लिखेंगे।

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