उत्तर प्रदेश, नोएडा: गौतमबुद्ध नगर समेत चार जिलों के 10 लाख से अधिक किसान बनेंगे करोड़पति, ट्रैफिक व्यवस्था में भी होगा सुधार
उत्तर प्रदेश, नोएडा: गौतमबुद्ध नगर समेत चार जिलों के 10 लाख से अधिक किसान बनेंगे करोड़पति, ट्रैफिक व्यवस्था में भी होगा सुधार

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मास्टर प्लान-2041 को करीब एक महीने पहले शासन से मंजूरी मिल गई है। मास्टर प्लान-2041 में 144 नए गांव शामिल होने से इनकी संख्या बढ़कर 257 हो गई है। इसमें गौतमबुद्ध नगर से लेकर बुलंदशहर, हापुड़ और गाजियाबाद तक के गांव शामिल हैं। इन 257 गांवों में रहने वाले 10 लाख से अधिक किसान करोड़पति बनने वाले हैं। अगर सब ठीक रहा तो अप्रैल माह से इसकी प्रक्रिया भी शुरू करने की योजना है।
मास्टर प्लान -2041 के तहत 141 नए गांव शामिल होने से क्षेत्रफल का दायरा बढ़कर दोगुना हो गया है। अब ग्रेटर नोएडा का क्षेत्रफल 22,255.01 हेक्टेयर से बढ़कर 55,970.23 हेक्टेयर हो गया है। इन गांवों की जमीन ग्रेटर नोएडा फेज-2 की बसावट के लिए अधिग्रहीत की जाएगी। यहां उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ ही परिवहन सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मेट्रो, बोड़ाकी में प्रस्तावित मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के साथ यमुना और ईस्टर्न पेरिफेरल और आसपास से गुजरने वाले अन्य एक्सप्रेस-वे को जोड़ने का काम किया जाएगा।
किसानों को अच्छे मुआवजे की उम्मीद
ग्रेटर नोएडा फेज-2 में आने वाले प्रमुख गांव अब्दुल्ला मोदी, अच्छेजा, अहमदपुर अगवाना, आमका, खटाना, रानौली, खटाना, गेसूपुर, बिसहाड़ा, प्यावली और इसमें ऊंचा अमीपुर सहित 144 गांव शामिल हैं। बुलंदशहर जिले के सरायगासी गांव निवासी प्रमोद कुमार का कहना है कि कई किसानों ने भूमि अधिग्रहण को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। उनकी प्रमुख चिंताओं को समझते हुए प्राधिकरण ने संवाद बढ़ाया है। प्राधिकरण अधिकारी, ग्राम प्रधानों और किसानों के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं। प्रमोद कुमार का कहना है कि यह परियोजना उनके गांवों का भविष्य बदल देगी। उन्हें उम्मीद है कि मुआवजे के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
अधिसूचित क्षेत्र के गांवों में शुरू होगा भूमि अधिग्रहण
प्राधिकरण अधिकारी के मुताबिक मास्टर प्लान के तहत शहर को बसाने और परियोजनाओं को धरातल पर लाने का काम शुरू कर दिया गया है। नए औद्योगिक सेक्टर विकसित करने के लिए उद्योगों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सबसे पहले अधिसूचित क्षेत्र के गांवों में शुरू की जाएगी, क्योंकि औद्योगिक भूखंडों की मांग सबसे ज्यादा है। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
ट्रांसपोर्ट और मेट्रो सेवा का होगा विस्तार, सुरक्षा भी रहेगी कड़ी
उद्योगों के लिए 14,192 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई है, जो कुल क्षेत्रफल का 25.4 प्रतिशत है। इसे हापुड़ तक विकसित करने की योजना है। यहां परिवहन सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रस्तावित मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच), दादरी क्षेत्र में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब (एमएमएलएच), बोड़ाकी तक मेट्रो का विस्तार, 130 मीटर चौड़ी सड़क को नोएडा एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। इसे चौड़ा किया जाएगा और गोल चक्करों में बदलाव किए जाएंगे। सड़क पर सीसीटीवी कैमरे समेत कई पुलिस चौकियां बनाई जाएंगी।
परी चौक से हापुड़ का सफर मिनटों में होगा पूरा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अधिकारी के मुताबिक, मास्टर प्लान 2041 के तहत रिचौक से हापुड़ तक 105 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी। फिलहाल यह सड़क ग्रेटर नोएडा के जुनपत गांव तक बनी है। जारचा समेत तमाम इलाकों में इसकी जमीन अधिग्रहित हो चुकी है। बाकी बची जमीन का अधिग्रहण कर सड़क निर्माण का काम किया जाएगा। इस सड़क के दोनों ओर उद्योग के लिए जमीन आवंटित की जाएगी।
ट्रैफिक व्यवस्था में होगा सुधार, खत्म होगा जाम
बोड़ाकी के पास रेलवे ओवरब्रिज का काम चल रहा है। इसके साथ ही इसे यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और आसपास से गुजरने वाले अन्य एक्सप्रेसवे से जोड़ने का काम किया जाएगा। सड़कों का जाल बिछाकर ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाया जाएगा। परिवहन के लिए 7380.56 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है, जो कुल क्षेत्रफल का 13.2 फीसदी है।
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