उत्तर प्रदेश : जिला कारागार मथुरा में आत्मनिर्भरता की ओर कदम, 25 बंदी बना रहे मोमबत्ती और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां

Mathura News (सौरभ) : दीपावली के पावन पर्व से पहले जिला कारागार मथुरा ने बंदियों के पुनर्वास और कौशल विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल की है। जेल अधीक्षक श्री अंशुमन गर्ग के निर्देशानुसार, खजानी वेलफेयर सोसाइटी मथुरा के सहयोग से जेल के 25 बंदियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
बंदियों ने सीखा मोमबत्ती और मूर्तियां बनाने का हुनर
इस अनूठे कार्यक्रम का उद्देश्य बंदियों को सकारात्मक गतिविधियों से जोड़ना और उन्हें स्वावलंबी बनाना है। प्रशिक्षण के दौरान, बंदियों ने उत्साहपूर्वक मोमबत्ती, सुंदर दीपक (दीये) और भगवान लक्ष्मी-गणेश जी की मनमोहक मूर्तियाँ बनाना सीखा है।
पुनर्वास के लिए बिक्री शुरू
कारागार प्रशासन ने बताया कि बंदियों के श्रम से तैयार की गई इन सभी दीपावली सामग्रियों की बिक्री शुरू कर दी गई है। जनता इन उत्पादों को जेल के मुख्य गेट के पास बने मुलाकात घर से खरीद सकती है। जेल अधीक्षक श्री गर्ग ने इस पहल के दोहरे उद्देश्य को स्पष्ट किया।
आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास
उन्होंने कहा कि यह प्रयास न केवल बंदियों के समय का सदुपयोग कर उनमें कौशल का विकास करता है, बल्कि उन्हें उनके श्रम का उचित मूल्य देकर सकारात्मकता की भावना भी जगाता है। इस बिक्री से प्राप्त होने वाली आय का उपयोग बंदियों के कल्याण एवं पुनर्वास कार्यों में किया जाएगा।
जेल को सुधार गृह बनाने की पहल
यह पहल सिद्ध करती है कि जेल केवल दंड देने का स्थान नहीं, बल्कि सुधार गृह है, जहाँ बंदियों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। स्थानीय निवासियों द्वारा इन हस्तनिर्मित उत्पादों की खरीद, बंदियों के इस रचनात्मक प्रयास को प्रोत्साहित कर रही है।