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उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: मेवाड़ कॉलेज साहित्यकार चित्रा मुद्गल और पत्रकार सम्मानित

उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: मेवाड़ कॉलेज साहित्यकार चित्रा मुद्गल और पत्रकार सम्मानित

अमर सैनी

उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जयंती पर आयोजित उन्नीसवें साहित्यकार एवं सम्मान समारोह में सुविख्यात साहित्यकार चित्रा मुद्गल समेत छह पत्रकारों को सम्मानित किया गया।
चित्रा मुद्गल को साहित्य भूषण सम्मान, वरिष्ठ पत्रकार अमलेश राजू को पत्रकार प्रतिष्ठा सम्मान से सम्मानित किया। जबकि पत्रकार लोकेश राय, कुलदीप काम्बोज, तोषिक कर्दम और प्रभात पांडेय को पत्रकार गौरव सम्मान से नवाजा गया। सभी को शॉल, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न एवं नकद राशि प्रदान की गई। वरिष्ठ पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय, मुख्य अतिथि एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक एवं देश के प्रमुख शिक्षा शास्त्री जगमोहन सिंह राजपूत, मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया एवं निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने चित्रा मुद्गल समेत सभी पत्रकारों को सम्मानित किया।इस मौके पर मुख्य अतिथि जगमोहन सिंह राजपूत ने कहा कि हमें जिन्दगी भर सीखते रहना चाहिए। सीखते रहने से हमारी संवेदनाएं बढ़ती हैं, संवेदनाएं बढ़ने से हमारी व्यग्रता कम होती है और उग्रता समाप्त होती है। उन्होंने कहा कि अगर मनुष्य मात्र ज्ञान ही अर्जित करता रहे तो वह स्वयं को नष्ट कर लेता है। जबकि मनुष्य को मेधा, बुद्धि और विश्लेषण की क्षमताओं को स्वयं में विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज बच्चों को मनुष्य बनाइये। उनमें अध्ययन, मनन, चिंतन और इनके उपयोग की क्षमताओं का विकास करने की आवश्यकता है।

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के बड़े उदाहरण हैं महामना
चित्रा मुद्गल की ओर से उनकी पुत्रवधु शैली मुद्गल ने चित्रा जी के लिखे विचार प्रस्तुत किए। चित्रा मुद्गल ने अपने पत्र के जरिए मालवीय जी के जीवन मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए मेवाड़ संस्थान को सराहा। उन्होंने कहा मदन मोहन मालवीय स्वाधीनता संग्राम के इतिहास पुरुष थे। साहित्य, शिक्षा, समाजसेवा और देश के प्रति उनका योगदान बहुमूल्य है। राम बहादुर राय ने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के आदर्शों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मालवीय जी व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व थे। वह सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के बड़े उदाहरण हैं।

गदिया बोले- युगदृष्टा थे मालवीय जी
मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि मालवीय जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी, पत्रकार, वकील, गायक, कथावाचक, देशभक्त व युगदृष्टा थे। देश में प्रोफेशनल्स तैयार हो सकें इसके लिए उन्होंने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी बनाई। इससे पूर्व अतिथियों ने मां शारदा, भारत माता और महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के चित्र पर पुष्पार्पित कर दीप जलाकर समारोह की शुरुआत की। बीएड की छात्राओं नंदिनी, दिव्या और मुस्कान ने क्रमशः सरस्वती वंदना, कविताएं और मालवीय जी पर सम्भाषण प्रस्तुत किया। मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। संचालन अमित पाराशर ने किया।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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