उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: कृत्रिम टर्फ कोर्ट बनाने का काम अप्रैल से शुरू होगा
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: कृत्रिम टर्फ कोर्ट बनाने का काम अप्रैल से शुरू होगा

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद। लॉन टेनिस के खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है। महामाया स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रस्तावित दो सिंथेटिक ग्राउंड यानी कृत्रिम टर्फ कोर्ट बनाने का कार्य अप्रैल से शुरू होगा। इससे खिलाड़ियों को लाभ होगा। वे गृह जनपद में ही खेल का बेहतर अभ्यास भी कर सकेंगे। महामाया स्टेडियम में क्रिकेट, जूडो, बॉक्सिंग, फुटबॉल, बैडमिंटन और हॉकी समेत कई खेलों के खिलाड़ी रोजाना अभ्यास करने आते हैं। करीब 200 खिलाड़ी सुबह-शाम कोच की निगरानी में अपने कौशल को निखारने का प्रयास करते हैं। करीब 12 एकड़ में बने स्टेडियम में जिला खेल विभाग ने लॉन टेनिस के लिए सिंथेटिक ग्राउंड बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई थी। अब तक इस सरकारी स्टेडियम में इस खेल के लिए अभ्यास की सुविधा न होने से खिलाड़ी निजी एकेडमी पर ही निर्भर हैं।
जिला उप खेल क्रीड़ाधिकारी पूनम बिश्नोई ने बताया कि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा देने को लेकर विभाग लगातार प्रयास कर रहा। इसके तहत महामाया स्टेडियम में सुविधाओं में बढ़ोतरी को लेकर यहां प्रस्तावित दो लॉन टेनिस का सिंथेटिक ग्राउंड बनाने का कार्य अप्रैल से शुरू होगा। सरकारी स्टेडियम में इस खेल में अभ्यास करने की सुविधा होने से टेनिस के खिलाड़ियों को काफी राहत मिलेगी। जिला उप खेल क्रीड़ाधिकारी पूनम बिश्नोई ने बताया कि खिलाड़ियों को निजी एकेडमी के मुकाबले यहां कम फीस में बेहतर अभ्यास की सुविधा मिलेगी। लॉन टेनिस का ग्राउंड विश्वस्तरीय बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में यहां बड़े स्तर की कई प्रतियोगिता खेली जा सकें। इससे लॉन टेनिस के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन भी मिलेगा।टेनिस ग्राउंड में एकल और युगल दोनों वर्ग के मुकाबले खेले जा सकेंगे। साथ ही, लॉन टेनिस मैदान में उच्च गुणवत्ता वाली लाइट भी लगाई जाएंगी, ताकि रात में भी खिलाड़ी अभ्यास कर सकें। लॉन टेनिस ग्राउंड के बनने से 150 से अधिक खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा।
दिल्ली की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी
इस खेल का अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों ने बताया कि लॉन टेनिस की सरकारी स्टेडियम में अभी सुविधा नहीं होने से खिलाड़ी निजी एकेडमी अथवा दिल्ली का रुख करते हैं अभ्यास करने के लिए। निजी एकेडमी की फीस भी अधिक होगी है और आने जाने में रुपए लगते हैं।ऐसे में स्टेडियम में ही इस खेल का बेहतर अभ्यास मिलने लगे तो काफी सहूलियत होगी।जिससे खिलाड़ियों को शहर से बाहर अभ्यास करने के लिए नहीं जाना पड़ेगा।उनका परिवहन का खर्चा भी कम लगेगा और गृह जनपद में ही अभ्यास की सुविधा मिलेगी।