उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: जीडीए में हर सोमवार को होगी ब्रेन स्टोर्मिंग मीटिंग, कैसे हों बेहतर काम चर्चा करेंगे अधिकारी
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: जीडीए में हर सोमवार को होगी ब्रेन स्टोर्मिंग मीटिंग, कैसे हों बेहतर काम चर्चा करेंगे अधिकारी

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के अधिकारी अब हर सोमवार को एक साथ बैठेंगे और विकास योजना को पंख लगाने के लिए अपने आईडिया शेयर करेंगे। इस बैठक को “ब्रेन स्टोर्मिंग” मीटिंग का नाम दिया गया है। बैठक में चर्चा होगी कि नई योजनाओं में आधुनिक सुविधाएं कैसे प्रदान की जा सकती हैं। पुरानी योजनाओं में अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए क्या करें? कैसे तकनीकि का बेहतर इस्तेमाल हो, सब मुद्दों पर चर्चा होगी।
जीडीए वीसी अतुल वत्स खुद इस मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे और मीटिंग से निकले अच्छे निष्कर्षों पर अमल भी कराएंगे। पहली मीटिंग में शहर के विकास के लिए कई अच्छे फैसले लिए गए हैं। बैठक में प्राधिकरण के क्षेत्र को विकसित करने के लिए एआई का उपयोग करते हुए आधुनिक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए। कार्ययोजना के निगरानी गूगल से कराई जाएगी।अब हर हफ्ते एक बैठक होगी, जिसमें सभी अधिकारी उपस्थित होंगे और महत्वपूर्ण कार्यों मे मुद्दों की चर्चा करते हुए हल निकाला जाएगा । शहर की सभी समस्याओं पर बातचीत होगी। इस बैठक का मकसद है कि शहर के लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलें और विकास के काम जल्दी से पूरा हो। इस बैठक में अधिकारी किसी मुद्दे के समाधान का रास्ता न सूझने पर भी अपनी बात रख सकेंगे। सामुहिक रूप अधिकारी चर्चा करेंगे तो मुश्किलों के जवाब मिलने आसान होंगे।
कामकाज होगा और तेज
अब शहर के कामकाज को और भी तेजी से किया जाएगा। इसके लिए मॉडर्न कार्ययोजना बनाने पर जोर दिया जा रहा है जैसे गूगल सीट से मॉनिटरिंग तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग। प्राधिकरण द्वारा जनहित मे हाल-फिलहाल मे योजनाओं के भूखंड और संपत्ति का हिसाब-किताब किया जा रहा है।
इन योजनाओं का चल रहा ऑडिट
वर्तमान में प्राधिकरण की तीन योजनाओं कौशांबी, इंदिरापुरम व प्रताप विहार में लैंड व संपत्ति ऑडिट कराया जा रहा है, जिसमें केवल कौशांबी योजना में ही लगभग 1000 करोड की रिक्त संपति ऑडिट के दौरान मिल चुकी हैं। इसके अलावा वैशाली में भी जीडीए की खाली पड़ी करोड़ों की संपत्ति मिल चुकी है।
नागरिकों के काम होंगे आसान
अब नागरिकों को सरकारी काम करवाने में आसानी होगी। घर का नक्शा पास करवाना पहले से ज्यादा आसान होगा। जीडीए वीसी अतुल वत्स ने निर्देशित किया है कि नक्शे पास कराते समय यदि राजस्व विभाग एनओसी दे चुका हो तो नगर निगम की एनओसी की आवश्यकता क्यों है ? इस पर विचार कर प्रक्रिया को सरल बनायें।
ये प्रक्रिया हुईं आसान
हाल ही मे रजिस्टर्ड वसीयत के आधार पर म्यूटेशन की प्रक्रिया हेतु वरिसान की एनओसी की अनिवार्यता को निरस्त कर दिया गया है। इसके साथ ही कुछ प्रकरणों में प्रवर्तन अनुभाग की रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है, जिससे जनता के लिए नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया आसान हुई है और नाम दर्ज कराने वालों की संख्या में बहुत अधिक इजाफा हुआ है।
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