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उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: एक साथ चार लाशें उठने से सहम गया लोनी, आयशा ने कैसे बचाई अयान की जान

उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: एक साथ चार लाशें उठने से सहम गया लोनी, आयशा ने कैसे बचाई अयान की जान

अमर सैनी

उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद। गाजियाबाद में आग लगने से एक परिवार के 4 लोगों की जिंदा जलने से मौत हो गई। 4 गंभीर रूप से झुलस गए। हादसे के वक्त बिल्डिंग में 8 लोग थे। आग इतनी तेजी से फैली कि लोग बिस्तर से उठ नहीं पाए। मरने वालों में मां, दो बच्चे और एक भतीजा है। बच्चों की उम्र 7 से 9 साल के बीच थी। घटना रविवार सुबह 6 बजे लोनी के कंचन पार्क की है। चीफ फायर ऑफिसर राहुल पाल ने बताया- घर में सो रहे लोग आग लगने से चपेट में आ गए। फायर और पुलिस की टीम पहुंची। घर में 4 लोग मृत मिले, 4 लोग झुलस हुए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसमें से दो की हालत गंभीर है।

शाहनवाज और शमशाद दोनों भाई मूलरूप से मवाना, मेरठ के रहने वाले हैं। लोनी की कंचन पार्क कालोनी में दोनों भाई अपने- अपने परिवार के साथ तीसरे तल पर रहते थे और इसी मकान में दूसरे तल पर सिलाई का काम करते थे। दोनों परिवार तीसरी मंजिल पर बने दो कमरों में सोये हुए थे। सुबह करीब सात बजे अचानक आग लगने से दोनों परिवार फंस गए। धुएं में दम घुटने और झुलसने से बड़ा हादासा हो गया। शाहनवाज की पत्नी गुलबहार और दोनों बेटे आठ साल के शान और नौ साल के जान के साथ ‌शमशाद के बेटे जीशान की मौत हो गई।दोनों भाईयों के भरे पूरे परिवार में चार साल का मासूम अयान बचा है। अयान को लेकर उसकी मां आयशा और शमशाद जैसे तैसे बाहर निकले और पड़ोसी की छतर पर उतरकर जान बचाई। रविवार तड़के ह‌ुई इस घटना में शाहनवाज का पूरा परिवार खत्म हो गया। एक साथ चार लाशें उठने से पूरे लोनी में मातम का माहौल है। शमशाद ने सुबकते हुए बताया सब कुछ खतम हो गया, कुछ नहीं बचा। शाहनवाज बार- बार बेहोश हो जा रहे हैं। पत्नी गुलबहार और दोनों बेटे शान व जान आग की भेंट चढ़ गए।

नहीं पता चला आग लगने का कारण
आग कैसे लगी, इस बात की अभी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। मुख्य अ‌ग्निशमन अधिकारी राहुल पाल ने बताया कि आग लगने के कारण की जांच की जा रही है। रविवार को दिन निकलते ही इतना बड़ा हादसा होने से लोनी में मातम पसरा है। स्थानीय पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं।

संकरी जगह होने से हुआ बड़ा हादसा
सीएफओ राहुल पाल ने बताया कि मकान में प्रवेश का रास्ता बंद था। दोनों परिवार तीसरी मंजिल पर फंसे थे। गली में फायर टेंडर के जाने लायक जगह नहीं थी। करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर फायर टेंडर खड़े करने पड़े। बगल वाले मकान की छत पर चढ़कर दीवार तोड़ी और उसके बाद हौज पाइप से पानी फेंका गया। सीएफओ का कहना है कि घटना संकरी जगह पर ना हुई होती तो हादसा इतना बड़ा ना होता।

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