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उत्तर प्रदेश : मथुरा के गोवर्धन में ‘खाकी’ और ‘खादी’ के संरक्षण में फल-फूल रहा अवैध खनन का काला कारोबार

Mathura News : धर्मनगरी गोवर्धन और इसके आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों शासन और न्यायालय के नियमों को ताक पर रखकर अवैध मिट्टी खनन का खेल बड़े पैमाने पर जारी है। ताज्जुब की बात यह है कि यह सब पुलिस और तहसील प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है, जिससे अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।

रात ढलते ही सड़कों पर दौड़ती है ‘मौत’
गोवर्धन के राधाकुंड बाईपास, अडींग, बरसाना रोड, डीग अड्डा और नए बस स्टैंड इलाकों में माफियाओं का जाल बिछा हुआ है। दिन के उजाले में शांत दिखने वाले इन रास्तों पर सूरज ढलते ही मिट्टी से लदे तेज रफ्तार डंपर और हाइवा काल बनकर दौड़ने लगते हैं। खेतों में जेसीबी मशीनें बिना किसी कानूनी भय के मिट्टी खोद रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन भारी वाहनों की रफ्तार इतनी अधिक होती है कि परिक्रमा मार्ग और लिंक रोड पर चलना दूभर हो गया है।

‘कारखास’ के आगे नियम-कायदे बौने
सूत्रों की मानें तो तहसील और थाना स्तर पर तैनात कुछ ‘कारखास’ कर्मचारी इस पूरे सिंडिकेट को संचालित कर रहे हैं। जिस खनन की अनुमति के लिए आम जनता को ऑनलाइन आवेदन और दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं, वही अनुमति यहाँ ‘सुविधा शुल्क’ के बदले चंद मिनटों में मौखिक रूप से मिल जाती है। चर्चा है कि तहसील स्तर के अधिकारियों के ‘मौन आशीर्वाद’ ने खनन माफियाओं के हौसले बुलंद कर रखे हैं।

वीडियो वायरल, पर कार्रवाई सिफ़र
हाल ही में गोवर्धन क्षेत्र में हो रहे इस अवैध खनन और सड़कों पर दौड़ते डंपरों का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह बेखौफ होकर मिट्टी का परिवहन किया जा रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद भी स्थानीय पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न करना दाल में काला होने का स्पष्ट संकेत दे रहा है। प्रशासनिक अनदेखी के चलते न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँच रहा है, बल्कि सरकार को भी राजस्व का भारी चूना लग रहा है।

अब देखना होगा कि क्या जिला प्रशासन इन ‘कारखास’ अधिकारियों और खनन माफियाओं के गठजोड़ को तोड़ने की हिम्मत जुटा पाता है।

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