उत्तर प्रदेश : बुलंदशहर में इंस्पेक्टर के 5 हत्यारों को उम्रकैद, हिंसा के अन्य 33 दोषियों को 7-7 साल की सजा, कोतवाल को मारकर फूंकी थी चौकी

Bulandshar News : (अवनीश त्यागी) जनपद के बहुचर्चित स्याना हिंसा मामले में कोर्ट ने इंस्पेक्टर की हत्या के 5 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है,। जबकि हिंसा में शामिल अन्य 33 दोषियों को 7-7 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। बता दें कि कोर्ट में मामले में 30 जुलाई को सभी 38 आरोपियों को दोषी करार दे दिया था।, सजा के लिए 1 अगस्त की तारीख तय की थी। शुक्रवार को शाम 6 बजे जज ने फैसला सुनाया। न्यायलय ने बुधवार को 38 आरोपियों को दोषी मानते हुए पुलिस कस्टडी में ले लिया था। जिनकी सजा का ऐलान आज हुआ । दोषियों में जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, बीजेपी नेता, निषाद पार्टी के नेता और आरएसएस के नगर कार्यवाह भी शामिल हैं। पुलिस ने मामले में कुल 44 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इनमें से 5 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि 1 नाबालिग का केस जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है। बुलंदशहर कोर्ट ने जिन 38 लोगों को दोषी ठहराया है, उनमें से 5 पर इंस्पेक्टर की हत्या का दोष सिद्ध हुआ है, जबकि 33 लोगों पर हिंसा, आगजनी और हत्या की कोशिश के आरोप साबित हुए हैं।
अब जानिए 3 दिसंबर 2018 को क्या हुआ था
3 दिसंबर, 2018 को स्याना कोतवाली के गांव महाव में गोवंश के अवशेष मिले थे। इसकी सूचना पर हिंदूवादी संगठन और आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उन्होंने गोकशी का विरोध किया। आरोप है कि योगेश राज ने अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों को इकट्ठा किया और उन्हें भड़काया।
भीड़ ट्रैक्टर-ट्रॉली में गोवंश के अवशेषों को भरकर बुलंदशहर – गढ़मुक्तेश्वर हाईवे स्थित चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंच गई। भीड़ ने हाईवे को पूरी तरह जाम कर दिया। पुलिस ने लोगों रोकने का प्रयास किया तो भीड़ ने पथराव करते हुए पुलिस चौकी फूंक दी। हिंसा के दौरान स्याना पुलिस स्टेशन कोतवाली प्रभारी निरीक्षक (sho) सुबोध कुमार सिंह को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी । हिंसा के दौरान चिंगरावठी के रहने वाले युवक सुमित कुमार की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आनन-फानन में पुलिस ने गोकशी के 10 आरोपियों पर केस दर्ज किया था, तब जाकर मामला शांत हुआ था।
27 नामजद समेत 60 लोगों पर हुआ था केस
हिंसा के बाद एसआई सुभाष सिंह की तहरीर पर स्याना पुलिस स्टेशन में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया था । इसमें वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया था। इसके अलावा, 27 लोगों को नामजद करने के साथ हिंसा फैलाने के आरोप में 60 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। जबकि गोकशी के आरोप में 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि, पुलिस की चार्जशीट में इस मामले में 44 लोग ही आरोपी मिले। बाकी 16 लोगों के खिलाफ सबूत नहीं मिले, इसलिए उनके नाम केस से हटा दिए गए।
44 आरोपी जेल भेजे गए थे
हिंसा के बाद पुलिस ने 44 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इनमें से 5 की मौत हो चुकी है। एक आरोपी नाबालिग था। जो रिहा हो चुका है। बाकी 38 आरोपियों पर मुकदमा दर्ज है। इनमें से 4 आरोपी जेल में हैं, 34 जमानत पर हैं।
हिंसा के मुख्य आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
चिंगरावठी के रहने वाले मुख्य आरोपी जिला पंचायत सदस्य योगेश राज कुछ एक महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है। हिंसा में शहीद कोतवाल सुबोध कुमार की लाइसेंसी पिस्टल का पुलिस आज तक पता नहीं लगा सकी है।