Breast Cancer Awareness India: “ब्रेस्ट कैंसर को आप भी दे सकती हैं मात” — महिमा चौधरी ने साझा की अपनी संघर्षगाथा, महिलाओं को जागरूक रहने की दी सलाह

Breast Cancer Awareness India: “ब्रेस्ट कैंसर को आप भी दे सकती हैं मात” — महिमा चौधरी ने साझा की अपनी संघर्षगाथा, महिलाओं को जागरूक रहने की दी सलाह
बॉलीवुड अभिनेत्री महिमा चौधरी, जिन्होंने हाल ही में ब्रेस्ट कैंसर को मात दी है, ने रविवार को दिल्ली में आयोजित यंग वीमेन ब्रेस्ट कैंसर कॉन्फ्रेंस 2025 के दौरान अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें इस बीमारी के कोई लक्षण महसूस नहीं हुए थे। वह सिर्फ अपनी नियमित वार्षिक जांच के लिए गई थीं और वहीं पता चला कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है। उन्होंने कहा कि कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसे व्यक्ति खुद पहचान नहीं सकता। इसका पता केवल शुरुआती जांच और नियमित स्वास्थ्य परीक्षणों के माध्यम से ही संभव है।
महिमा ने बताया कि उन्हें करीब तीन से चार वर्ष पहले इस बीमारी का पता चला था, लेकिन उस समय की तुलना में आज कैंसर उपचार में बहुत प्रगति हो चुकी है। भारत में अब कई कैंसर दवाइयाँ जेनेरिक रूप में उपलब्ध हैं और पहले की तुलना में काफी सस्ती भी हैं। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे अपनी दिनचर्या में नियमित ब्रेस्ट सेल्फ-एग्जामिनेशन को शामिल करें और किसी भी बदलाव को हल्के में न लें। जागरूकता पहले से बढ़ी है, लेकिन इसे और व्यापक स्तर पर फैलाने की आवश्यकता है।
महिमा ने कहा कि कैंसर से जूझ चुके या जूझ रहे लोगों की कहानियों ने उन्हें बेहद प्रेरित किया और कठिन दौर में मानसिक स्थिरता दी। उन्होंने महिलाओं को हौसला देते हुए कहा कि सही समय पर जांच, सकारात्मक सोच और उपचार के प्रति प्रतिबद्धता से कैंसर पर विजय पाना संभव है।
इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. अशोक कुमार वैद ने भी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि भारत में ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर बन गया है और खासकर 45 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में इसके मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुल मामलों में से एक-चौथाई से अधिक 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में देखे जाते हैं। जीवनशैली में बदलाव, देर से मातृत्व, हार्मोनल और प्रजनन से जुड़े कारक तथा अपर्याप्त जागरूकता इसके मुख्य कारण हैं।
डॉ. वैद ने कहा कि खानपान, शारीरिक सक्रियता और जीवनशैली के अन्य पहलू कैंसर रोकथाम में अहम भूमिका निभाते हैं। युवा महिलाओं में पाया जाने वाला ब्रेस्ट कैंसर सामान्यतः अधिक आक्रामक होता है, इसलिए ब्रेस्ट अवेयरनेस और नियमित जांच बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत में अभी भी देर से निदान के कारण मृत्यु दर चिंताजनक रूप से अधिक है, जबकि समय पर पहचान से जीवन बचाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य युवा महिलाओं में जागरूकता बढ़ाना, डायग्नोस्टिक प्रणाली को बेहतर बनाना और समय पर उपचार को प्रोत्साहित करना है, ताकि ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ इस लड़ाई में सफलता सुनिश्चित की जा सके।
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