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कुशल और पारदर्शी प्रणाली के माध्यम से प्रशासनिक सेवाओं को बेहतर बनाने में राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफार्मों की भूमिका महत्वपूर्ण: प्रमुख सचिव नीलकंठ

कुशल और पारदर्शी प्रणाली के माध्यम से प्रशासनिक सेवाओं को बेहतर बनाने में राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफार्मों की भूमिका महत्वपूर्ण: प्रमुख सचिव नीलकंठ

* एन.आई.सी. द्वारा प्रशासनिक सुधार विभाग के सहयोग से कोलैबफाइल्स, ई-टाल और Gov.in सुरक्षित इंट्रानेट वेब पोर्टल पर एक दिवसीय कार्यशाला

रिपोर्ट : कोमल रमोला
चंडीगढ़, 23 अक्टूबर:

यहां मगसीपा में कोलैब-फाइल्स (CollabFiles), ई-टाल (eTAAL) और गोव.इन (Gov.in) सिक्योर इंट्रानेट वेब पोर्टल पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग के प्रमुख सचिव श्री नीलकंठ एस. आवाड़ ने कहा कि राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफार्म कुशल, पारदर्शी और सुरक्षित प्रणालियों के माध्यम से प्रशासनिक सेवाओं को बेहतर बनाने के साथ-साथ नीतियों और सेवाओं को अधिक जवाबदेह बनाकर डेटा-आधारित निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

यह कार्यशाला मगसीपा में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एन.आई.सी.) द्वारा प्रशासनिक सुधार विभाग (डी.जी.आर.) पंजाब के सहयोग से आयोजित की गई। इस कार्यशाला में पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

श्री नीलकंठ ने जोर देकर कहा कि विभागों के बीच आपसी सहयोग और तालमेल के माध्यम से ही इन प्लेटफार्मों की पूरी क्षमता को वास्तविक मायनों में इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन प्लेटफार्मों का असली लाभ तभी उठाया जा सकता है जब विभिन्न सरकारी संस्थान आपसी तालमेल के माध्यम से काम करें। इन प्लेटफार्मों की पूरी क्षमता का लाभ उठाने के लिए बेहतर डेटा एकीकरण, अंतःविभागीय संचार और बेहतर प्रथाओं को साझा करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इन डिजिटल प्लेटफार्मों और डेटा-आधारित शासन के महत्व के बारे में जानकारी देने के लिए अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम करने की आवश्यकता है ताकि वास्तविक मायनों में इन प्लेटफार्मों का सुचारू उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। उल्लेखनीय है कि बड़े पैमाने पर डेटा को स्टोर, प्रोसेस और विश्लेषण करने संबंधी इन प्लेटफार्मों की क्षमता सेवाओं की प्रदान करने, जवाबदेही और पारदर्शिता में सुधार कर सकती है।

उन्होंने देश भर में सरकारी संस्थानों को आवश्यक डिजिटल बुनियादी ढांचा और सेवाएं प्रदान कर कुशल, पारदर्शी और सुरक्षित शासन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में एन.आई.सी. की सराहना की। उन्होंने कहा कि सहयोग को प्रोत्साहित करते हुए और डिजिटल बुनियादी ढांचे की मजबूती के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि ये प्लेटफार्म न केवल कुशल हैं, बल्कि सभी हिस्सेदारों के लिए समान सुविधा वाले, पारदर्शी और सुरक्षित भी हैं।

अतिरिक्त सचिव स्कूल शिक्षा परमिंदर पाल सिंह संधू ने डिजिटल पहलों की अगुवाई करने के लिए एन.आई.सी. पंजाब की समुचित टीम के प्रयासों की सराहना की।

अपने संबोधन में एन.आई.सी. पंजाब के डीडीजी और राज्य समन्वयक आई.पी.एस. सेठी ने आई.सी.टी. पहलकदमियों के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के बारे में बात की और आवश्यक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एन.आई.सी. द्वारा संपूर्ण सहायता और प्रतिबद्धता का भरोसा दिया।

कार्यशाला में भाग लेने वालों का स्वागत करते हुए राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी (एस.आई.ओ.) पंजाब एन.आई.सी., विवेक वर्मा ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ई-कोलैब फाइल्स, ई-टाल और गोव.इन सिक्योर इंट्रानेट के बारे में जागरूकता पैदा करना था ताकि सरकारी विभागों के बीच सुरक्षित संचार और डेटा हैंडलिंग को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने एन.आई.सी. पंजाब द्वारा प्रबंधित किए जा रहे विभिन्न प्रोजेक्टों पर भी प्रकाश डाला, जिनका उद्देश्य प्रक्रियाओं को सरल, अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। उन्होंने भागीदारों को इन पहलों को अपनाने में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया।

एन.आई.सी. तेलंगाना के वरिष्ठ निदेशक डॉ. पी. गायत्री ने एक प्रस्तुति देने के साथ-साथ कोलैब-फाइल्स पर लाइव डेमो प्रदर्शित किया। उन्होंने बताया कि कोलैब-फाइल्स भारत में सरकारी संस्थानों को अधिक कुशलता से काम करने के लिए विभिन्न कार्यालयी सेवाएं प्रदान करता है। सिंगल साइन-ऑन (एस.एस.ओ.) फ्रेमवर्क, पहचान और जन पहचान के साथ इसका एकीकरण, सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित, एकीकृत और सरल डिजिटल अनुभव सुनिश्चित करता है।

एन.आई.सी. हेडक्वार्टर में आई.टी. के निदेशक डॉ. ओ.पी. गुप्ता ने ई-टाल और गोव.इन सुरक्षित इंट्रानेट पोर्टलों के बारे में प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि ई-टाल ई-गवर्नेंस सेवाओं के प्रभाव संबंधी असल-समय की स्थिति प्रदान करता है। यह इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन के विश्लेषण के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों को उनकी पहलों के प्रभाव की निगरानी और मूल्यांकन के योग्य बनाता है, जिससे निर्णय लेने में आसानी के साथ-साथ जन सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होता है।

डॉ. गुप्ता ने यह भी बताया कि गोव.इन सुरक्षित इंट्रानेट एक वन-स्टॉप समाधान के रूप में काम करता है, कार्यों को सुचारू बनाता है और विभिन्न सेवाओं तक पहुँचने में लगने वाले समय को घटाता है। ई-मेल, ई-ऑफिस, स्पैरो, कोलैब-फाइल्स और भाषिनी सहित रोज़ाना उपयोग की जाने वाली आवश्यक एप्लीकेशनों का पूरे समूह तक एस.एस.ओ. के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है, जिस पर सुरक्षित क्लाउड स्टोरेज की सुविधा भी उपलब्ध है।

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