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उत्तर प्रदेश, नोएडा: सरगना को दबोचने के लिए दिल्ली-हरियाणा में दबिश

उत्तर प्रदेश, नोएडा: सरगना को दबोचने के लिए दिल्ली-हरियाणा में दबिश

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा।तकनीकी सहायता देने के नाम पर ठगी करने वाले कॉल सेंटर के फरार सरगना की तलाश में तीन टीमें हरियाणा और दिल्ली समेत कई ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। एक सरगना को पुलिस पहले ही दबोच चुकी है। शुक्रवार को सीआरटी और फेज तीन थाने की पुलिस ने ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर दो महिलाओं समेत 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि अगर वह अपना मकान या बिल्डिंग किराये पर दे रहे हैं तो यह सुनिश्चित कर लें कि वहां पर किसी प्रकार की ठगी या अनैतिक काम न हो।

अगर बिना सत्यापन और जांच के किराये पर मकान और बिल्डिंग दी है तो पुलिस मालिकों पर भी कार्रवाई करेगी। शुक्रवार को पुलिस ने जिन आरोपियों की गिरफ्तारी की थी, ज्यादातर हरियाणा और दिल्ली के रहने वाले हैं। बीते छह माह से थानाक्षेत्र में कॉल सेंटर संचालित हो रहा था। पुलिस अब उन अमेरिकी नागरिकों के संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रही है, जो तकनीकी सहायता के नाम पर ठगी का शिकार हुए हैं। गिरोह का सरगना गूगल समेत अन्य प्लेटफॉर्म से विदेशी नागरिकों का डाटा हासिल करता था। यूएस वेंडर की मदद से भी विदेशी नागरिकों का डाटा लिया जाता था। इसके बाद चिह्नित अमेरिकी नागरिकों के कंप्यूटर में वायरस या बग भेजा जाता था। इसके बाद आरोपी एक्स लाइट और आईबीम ऐप के माध्यम से इंटरनेट कॉल करके तकनीकी सहायता देकर कंप्यूटर में आई समस्या को दूर करने का झांसा देते थे। सहायता के नाम पर 100 से एक हजार डॉलर तक की मांग की जाती थी। कॉल करने वाले आरोपी खुद को माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट का तकनीकी विशेषज्ञ बताकर बात करते थे। समस्या के समाधान के लिए विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर में अल्ट्रा विवर और टीम विवर ऐप डाउनलोड कराया जाता था। वायरस आने की बात सुनकर जब विदेशी नागरिक अपनी डिटेल चेक करते थे तो उसका स्क्रनीशॉट लेकर आरोपी अपने पास रख लेते थे। इसमें खाते और बैंक संबंधी जानकारी भी होती थी। आरोपी कंप्यूटर को सही करने के नाम पर जीली ऐप और क्रिप्टो करेंसी के जरिए रकम वसूलते थे।

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