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दिवाली और धनतेरस पर पिछले साल के मुकाबले दस फीसदी ज्यादा वाहन बिके

दिवाली और धनतेरस पर पिछले साल के मुकाबले दस फीसदी ज्यादा वाहन बिके

नोएडा। इस दिवाली और धनतेरस पर पिछले साल के मुकाबले दस फीसदी ज्यादा वाहन बिके। यह बिक्री पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा है। इस दौरान लग्जरी कारों की बिक्री में भी दस फीसदी का इजाफा हुआ। अच्छी बिक्री से वाहन डीलर उत्साहित हैं। उन्हें नए साल में भी वाहनों की ज्यादा बिक्री की उम्मीद है। परिवहन विभाग के मुताबिक इस बार धनतेरस और दिवाली पर 4408 वाहनों का पंजीकरण हुआ। इसमें 2886 दोपहिया और 1522 कार व व्यावसायिक वाहन शामिल हैं। पिछले साल 4043 वाहनों का पंजीकरण हुआ था। इसमें 3156 दोपहिया और 887 कार व अन्य वाहन शामिल थे।

वर्ष 2022 में 3767 वाहनों का पंजीकरण हुआ। इसमें 2235 दोपहिया और 1532 कार व अन्य वाहन शामिल थे। वर्ष 2021 में 1825 वाहनों का पंजीकरण हुआ और उससे पहले 1341 वाहनों का पंजीकरण हुआ था। कोरोना के इन दोनों वर्षों में वाहनों की बिक्री कम रही। एआरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने बताया कि धनतेरस और दिवाली पर वाहनों की बिक्री का आंकड़ा काफी अच्छा रहा। यह पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है। दिवाली पर बिकने वाले वाहनों का मंगलवार को रजिस्ट्रेशन भी किया जाएगा। ऐसे में वाहनों की बिक्री का आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। दस फीसदी बढ़ी लग्जरी कारों की बिक्री उन्होंने बताया कि इस बार पिछले साल की तुलना में लग्जरी कारों की बिक्री में भी आठ से दस फीसदी का इजाफा हुआ है। इसमें 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की कारें शामिल हैं।

हर साल बढ़ रही कारों की बिक्री
हुंडई के चीफ बिजनेस ऑफिसर इमरान ने बताया कि इस बार धनतेरस और दिवाली पर अच्छी संख्या में कारों की बिक्री हुई है। यह पिछले साल से ज्यादा है। वेन्यू, एस्टोर, अल्काजार और क्रेटा की बिक्री ज्यादा है। अन्य कंपनियों की कारों और दोपहिया वाहनों की बिक्री भी बढ़ी है। सागर मोटर्स के एजीएम सेल्स दीपक वर्मा ने बताया कि हर साल कारों की बिक्री बढ़ रही है। सीएनजी के अलावा लोग इलेक्ट्रिक कारें भी खरीद रहे हैं।

ऑटोमेटिक और एसयूवी कारें पहली पसंद
ऑटोमेटिक कारें खरीदने के प्रति भी लोगों का रुझान बढ़ा है। लोग एसयूवी कारें ज्यादा खरीदना पसंद कर रहे हैं। साल 2020 से पहले लोग छोटी कारें खरीदना ज़्यादा पसंद करते थे। इसमें 15 लाख रुपये तक की कारें शामिल थीं। अब लोगों ने बजट का दायरा बढ़ा दिया है। कार की बिक्री रजिस्ट्रेशन नंबर से ज़्यादा हो सकती है। कई लोग अपनी कारों का रजिस्ट्रेशन दूसरे राज्यों में भी करवाते हैं।

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