तरुनप्रीत सिंह सौंद द्वारा गांवों के छप्पड़ों/तालाबों की सफाई के लिए विशेष अभियान शुरू करने के आदेश
प्रीति कम्बोज
चंडीगढ़, 2 जनवरी:
पंजाब के ग्रामीण विकास और पंचायती मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने विभाग के उच्च अधिकारियों को सभी गांवों के छप्पड़ों/तालाबों की सफाई पर विशेष ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विशेष अभियान चलाकर सभी गांवों के तालाबों की कायाकल्प की जाए।
पंचायती भवन में विभाग के उच्च अधिकारियों, एडीसी, डीडीपीओज, बीडीपीओज और विभिन्न विंगों के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए तरुनप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि पहले चरण में प्रत्येक विधानसभा हलके के लोक प्रतिनिधियों से ऐसे 25 प्रतिशत गांवों की सूची ली जाए, जहां तालाबों की सफाई जल्दी करवाई जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन गांवों में मौसम के अनुसार काम शुरू करवा कर बरसात से पहले तालाबों की सफाई करवाई जाए।
सौंद ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का सपना है कि राज्य को रंगला पंजाब बना कर एक सुनहरी दौर लाया जाए और इसके लिए गांवों का सर्वांगीण विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि पंजाब के गांवों को मॉडल गांवों के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने सभी सरकारी योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक पहुंचाने के निर्देश दिए, ताकि गांववासी अपने क्षेत्रों का अधिकतम विकास और उन्नति करवा सकें।
इस मौके पर ग्रामीण विकास और पंचायती मंत्री ने मगनरेगा के जॉब कार्ड बनाने के लिए गांवों में विशेष कैंप लगाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि गांवों में अधिक से अधिक रोजगार देने के उद्देश्य से इन कैंपों को लगाने से पहले हर गांव के धार्मिक स्थानों से इसकी घोषणा की जाए, ताकि इन कैंपों का अधिकतम लाभ उठाया जा सके।
जिक्रयोग है कि मगनरेगा योजना के तहत 11 लाख से अधिक जॉब कार्ड चल रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान अब तक लगभग 1000 करोड़ रुपये खर्च कर 2.15 करोड़ से अधिक मानव दिहाड़ी पैदा की गई है और औसतन 7 लाख ग्रामीण परिवारों को रोजगार मुहैया कराया गया है।
इसके अलावा तरुनप्रीत सिंह सौंद ने निर्देश दिया कि पंचायती ज़मीनों को पारदर्शी तरीके से ठेके पर दिया जाए, ताकि इससे होने वाली आय को गांवों के विकास पर खर्च किया जा सके। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने पंचायती ज़मीनों से अवैध कब्जे हटाने का अभियान शुरू किया था और 12800 एकड़ से अधिक पंचायती ज़मीन अब तक कब्जा मुक्त कर ली गई है, जिसकी बाजार कीमत 3080 करोड़ रुपये से अधिक है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कब्जा मुक्त ज़मीन से करीब 6000 एकड़ क्षेत्र को ठेके पर देने के बाद वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 10.76 करोड़ रुपये की वार्षिक आय प्राप्त हुई है। मंत्री ने कहा कि बाकी ज़मीन भी पारदर्शी तरीके से ठेके पर चढ़ाई जाए।
इस मौके पर मंत्री ने सभी अधिकारियों को तत्परता और ईमानदारी से लोक सेवा करने के लिए प्रेरित किया और चल रहे कामों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2025 तक सभी लक्ष्य पूरे कर लिए जाएं ताकि अगले वित्तीय वर्ष में पंजाब के गांवों का कायाकल्प किया जा सके। उन्होंने गांवों में अधिक से अधिक पौधे लगाने के भी दिशा-निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि विभाग द्वारा इस साल 95 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं।
इसके अलावा गांवों में खेल मैदान बनाने और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत किए जा रहे कार्यों में तेजी लाने के लिए भी मंत्री ने निर्देश जारी किए। मंत्री ने कहा कि गांवों की सजावट के लिए और ठोस एवं तरल कूड़े के प्रबंधन के लिए भी क्षेत्रीय अधिकारियों को विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। बैठक में विभाग के प्रबंधकीय सचिव दिलराज सिंह, डायरेक्टर परमजीत सिंह, जेडसी डॉ. शीना अग्रवाल, मुख्य दफ्तर के उच्च अधिकारी और पंजाब के सभी एडीसी (विकास), डीडीपीओज बीडीपीओजऔर विभिन्न विंगों के अधिकारी उपस्थित थे।