Punjab : यह समय “सरबत का भला” मांगने का नहीं, बल्कि सरबत का भला करने का है : आप सांसद संत सीचेवाल

Punjab News : संत सीचेवाल ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एक-दो नहीं बल्कि कई ऐसे काम किए जो उनकी सोच और संवेदनशीलता के बारे में बताते हैं कि उन्हें लोगों का दर्द महसूस होता है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान जब देश का पेट भरने वाला अन्नदाता खुद अन्न के लिए तरस रहा होता है, वह मंज़र असहनीय है।
मंड के किसानों के घर, खेत और जिंदगियां पानी में हैं। इस मंज़र से पूरा पंजाब गुजर रहा है और पंजाब ने एकजुट होकर इस मुश्किल घड़ी को पार किया है, लेकिन संकट अभी भी टला नहीं है। बाउपुर मंड में बाढ़ आए 29वां दिन है, लेकिन मंड इलाके में ब्यास नदी का कहर कम नहीं हो रहा।
संत सीचेवाल और उनकी टीम ने बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए तीन दिन और तीन रातों की लगातार मेहनत से एक विशाल नाव तैयार की। यह नाव बड़ी संख्या में पशुओं और भारी मशीनरी को भी सुरक्षित जगहों पर ले जाने में सक्षम है। संत सीचेवाल और उनकी टीम रोज 10 घंटे नाव के जरिए प्रसाद, पानी और दवाइयों सहित अन्य जरूरी सामान पानी में घिरे लोगों तक पहुंचाते हैं।
संत सीचेवाल ने पिछले तीन हफ्तों से मंड बाढ़ राहत को अपना लक्ष्य बनाया हुआ है – चाहे गांव वासियों के बीच रहना, परिवारों को बचाना और राहत सामग्री प्रदान करने के लिए अथक मेहनत कर ये सारे काम किए। उन्होंने हर संभव कोशिश की है जिससे वह ऐसी स्थिति में लोगों के कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नजर आते हैं।
संत सीचेवाल के प्रयासों को देखने के बाद कई अन्य राजनेताओं ने भी मंड क्षेत्र का दौरा किया। पूर्व क्रिकेटर और साथी राज्यसभा सदस्य हरभजन सिंह ने 18 अगस्त को बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। बाढ़ के 20 अगस्त – 10 दिन बाद ही – पंजाब के जल संसाधन मंत्री ने मंड का दौरा किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान 22 अगस्त को आए थे, लेकिन सीचेवाल लगातार वहीं मौजूद रहे।
लोगों का कहना है कि संत सीचेवाल के प्रयासों से उन्हें सहारा मिला है। “जब हमारे खेत पानी में चले गए, तो हमने सोचा कि सब कुछ खत्म हो गया है,” किसान निर्मल सिंह ने अपनी डूबी हुई धान की फसल को देखते हुए कहा, और आगे कहा, “लेकिन जब बाबा जी (सीचेवाल) हर सुबह अपनी नाव में आते थे, तो हमें महसूस हुआ कि हम अकेले नहीं हैं।”