
Pollachi Gangrape Case: तमिलनाडु के चर्चित पोल्लाची गैंगरेप केस में 6 साल बाद फैसला आया है। कोर्ट ने 9 आरोपियों को मरते दम तक उम्रकैद और 85 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है।
Pollachi Gangrape Case: पोल्लाची गैंगरेप केस में 9 दोषियों को उम्रकैद, 85 लाख मुआवजा देने का आदेश
Pollachi Gangrape Case: 6 साल बाद आया ऐतिहासिक फैसला
तमिलनाडु के कोयंबटूर ज़िले के बहुचर्चित पोल्लाची यौन उत्पीड़न कांड में छह साल की कानूनी लड़ाई के बाद न्याय मिला है। विशेष अदालत ने 9 आरोपियों को मरते दम तक उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 8 पीड़ित महिलाओं को कुल 85 लाख रुपए का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।
Pollachi Gangrape Case: कौन-कौन दोषी करार दिए गए?
इस घृणित अपराध में जिन नौ लोगों को दोषी ठहराया गया है, वे हैं:
-
रिश्वंथ उर्फ एन. सबरीराजन
-
के. थिरुनावुक्कारासु
-
एम. सतीश
-
टी. वसंतकुमार
-
आर. मणिवन्नन
-
पी. बाबू उर्फ ‘बाइक बाबू’
-
के. अरुलानंथम
-
टी. हारोनिमस पॉल
-
एम. अरुणकुमार
इनकी उम्र 30 से 39 साल के बीच है और सभी को सलेम सेंट्रल जेल से अदालत लाया गया था। सभी दोषियों पर IPC की धारा 376D और 376(2)(N) के तहत आरोप सिद्ध हुए हैं।
Pollachi Gangrape Case: किस दोषी को कितनी सजा?
दोषी का नाम | उम्रकैद की संख्या |
---|---|
सबरीराजन | 4 बार |
थिरुनावुक्कारासु | 5 बार |
सतीश | 3 बार |
वसंतकुमार | 2 बार |
मणिवन्नन | 5 बार |
बाइक बाबू | 1 बार |
हारोनिमस पॉल | 3 बार |
अरुलानंथम | 1 बार |
अरुण कुमार | 1 बार |
सभी दोषियों पर 1.50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
Pollachi Gangrape Case: कैसे हुआ खुलासा?
यह मामला फरवरी 2019 में तब सामने आया जब एक 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि कुछ युवक उसे कार में ले गए, गैंगरेप किया और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया। यही वीडियो उनकी ब्लैकमेलिंग रणनीति थी, जिससे वे कई लड़कियों को फंसाते रहे।
Pollachi Gangrape Case: सोशल मीडिया बना शिकार की शुरुआत
आरोपी फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए लड़कियों से दोस्ती करते थे। फिर उन्हें सुनसान जगह ले जाकर यौन शोषण करते और वीडियो बना लेते। इसके बाद उन्हीं वीडियो से धमकाकर बार-बार यौन उत्पीड़न करते और कभी-कभी पैसे भी ऐंठते।
Pollachi Gangrape Case: 100 से अधिक लड़कियां बनीं शिकार
जांच में सामने आया कि यह कोई एकमात्र मामला नहीं था। लगभग 100 से ज्यादा लड़कियों को इस गिरोह ने अपना शिकार बनाया था। अधिकतर पीड़ित स्कूल और कॉलेज की छात्राएं थीं जो सामाजिक डर की वजह से चुप रहीं।
एक छात्रा की हिम्मत ने इस पूरे रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया। जांच पहले लोकल पुलिस, फिर CID और अंततः CBI को सौंपी गई। सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर सभी आरोपियों को कानून के कठघरे में खड़ा किया।
Pollachi Gangrape Case: राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने फैसले का स्वागत किया और पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार पर सवाल उठाए। वहीं विपक्ष के नेता ई. पलानीस्वामी ने कहा कि यह न्याय तत्कालीन सरकार की त्वरित कार्रवाई और CBI जांच की सिफारिश का नतीजा है।
पोल्लाची कांड सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि समाज के उस अंधेरे कोने की कहानी है, जहां डिजिटल युग की दोस्ती के पीछे दरिंदगी छुपी थी। इस फैसले ने न केवल दोषियों को सजा दिलाई, बल्कि देशभर में पीड़ितों को न्याय की उम्मीद भी दी है।
\