Para Archer India: पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने रचा इतिहास, भारत की सक्षम टीम में जगह बनाने वाली पहली दिव्यांग एथलीट बनीं

Para Archer India: पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने रचा इतिहास, भारत की सक्षम टीम में जगह बनाने वाली पहली दिव्यांग एथलीट बनीं
जम्मू-कश्मीर की 18 वर्षीय शीतल देवी कंपाउंड महिला वर्ग में करेंगी भारत का प्रतिनिधित्व
नई दिल्ली। भारतीय तीरंदाजी के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। जम्मू-कश्मीर की 18 वर्षीय पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो अब तक किसी भारतीय पैरा एथलीट ने नहीं किया था। वह जेद्दा में होने वाले एशिया कप स्टेज 3 के लिए भारत की जूनियर सक्षम टीम में चुनी गई हैं। यह पहली बार है जब किसी पैरा एथलीट को किसी सक्षम अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है।
एक नया मील का पत्थर
शीतल देवी कंपाउंड महिला वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए बल्कि पूरे भारतीय पैरा खेल जगत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह दिखाता है कि अब दिव्यांग एथलीट भी मुख्यधारा की प्रतियोगिताओं में अपनी क्षमता से जगह बना सकते हैं।
सपना जो अब हकीकत बना
टीम में चयन के बाद शीतल देवी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “जब मैंने तीरंदाजी की शुरुआत की थी, तब मेरा एक छोटा सा सपना था — एक दिन सक्षम तीरंदाजों के साथ प्रतिस्पर्धा करना। आज वह सपना सच होने की ओर एक बड़ा कदम है।”
गिर्डी से मिली प्रेरणा
शीतल ने अपने प्रेरणा स्रोत के रूप में तुर्की की पेरिस पैरालंपिक चैंपियन ओजनूर क्यूर गिर्डी का नाम लिया, जिन्होंने विश्व स्तर पर सक्षम और पैरा दोनों वर्गों की प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल की है। गिर्डी की तरह ही शीतल का भी लक्ष्य है कि वह दोनों श्रेणियों में देश का नाम रोशन करें।
ट्रायल में दमदार प्रदर्शन
सोनीपत में हुए चार दिवसीय राष्ट्रीय चयन ट्रायल में शीतल ने 60 से अधिक सक्षम तीरंदाजों के बीच बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने क्वालीफिकेशन दौर में 703 अंक प्राप्त किए, जो शीर्ष क्वालीफायर तेजल साल्वे के बराबर थे। इस शानदार प्रदर्शन ने उन्हें टीम इंडिया में जगह दिलाई।
पेरिस पैरालंपिक कांस्य पदक विजेता
पेरिस पैरालंपिक 2024 में मिश्रित टीम कंपाउंड स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर शीतल पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं। अब सक्षम प्रतियोगिता में चयन उनके करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
शीतल की सफलता ने दी नई दिशा
शीतल देवी की यह सफलता न केवल दिव्यांग खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को बढ़ाएगी बल्कि यह संदेश भी देगी कि प्रतिभा किसी सीमा में बंधी नहीं होती। भारतीय तीरंदाजी संघ और पैरा तीरंदाजी समुदाय के लिए यह गर्व का क्षण है।





