Panchayat Season 4 Review: कमजोर कहानी के साथ फीका पड़ा फुलेरा, क्या अब थम जाएगी पंचायत की लोकप्रियता?
Panchayat Season 4 Review: पंचायत सीजन 4 की कहानी इस बार फुलेरा गांव की असली खुशबू से दूर नजर आई। कमजोर स्क्रिप्ट और खिंची हुई कहानी ने इस लोकप्रिय वेब सीरीज की चमक फीकी कर दी। जानिए पूरी समीक्षा।

Panchayat Season 4 Review: पंचायत सीजन 4 की कहानी इस बार फुलेरा गांव की असली खुशबू से दूर नजर आई। कमजोर स्क्रिप्ट और खिंची हुई कहानी ने इस लोकप्रिय वेब सीरीज की चमक फीकी कर दी। जानिए पूरी समीक्षा।
Panchayat Season 4 Review: क्या इस बार निराश होंगे फैंस?
बहुप्रतीक्षित वेब सीरीज Panchayat Season 4 को लेकर फैंस के बीच जबरदस्त उत्साह था। 24 जून 2025 को रिलीज हुए इस नए सीजन में दर्शकों को एक बार फिर फुलेरा गांव की दुनिया में लौटने की उम्मीद थी। लेकिन इस बार कहानी में वह गहराई और आत्मीयता नजर नहीं आई, जिसके लिए यह सीरीज मशहूर हुई थी।
बीते कुछ दिनों से मैं भी अपने गांव में हूं, और वहां की असली पंचायत व्यवस्था देखकर लगा कि Panchayat Season 4 में इस बार गांव के जीवन की असली झलक ही कहीं गुम हो गई है। न दिशा मैदान के दिलचस्प किस्से हैं, न प्रधान जी की चाभी खोने जैसी हल्की-फुल्की घटनाएं। कहानी का रुख पूरी तरह से पंचायत चुनाव पर टिक गया है, लेकिन वह भी जबरन खींची हुई सी लगती है।
Panchayat Season 4 Review: पुराने सवालों के जवाब नहीं मिले
अगर आपको पिछला सीजन याद है तो एक बड़ा सवाल रह गया था — गोली किसने चलाई? लेकिन Panchayat Season 4 में इस सवाल का कोई ठोस जवाब नहीं मिलता। विधायक जी का घोड़ा और सचिव जी व प्रधान जी की बिटिया की प्रेम कहानी भी अधूरी सी नजर आती है। फुलेरा का नाम तो है, लेकिन इसकी आत्मा इस बार जैसे गायब हो गई हो।
Panchayat Season 4 Review: कलाकारों की दमदार परफॉर्मेंस, लेकिन कमजोर कहानी
Panchayat Season 4 में जितेंद्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुवीर यादव, फैसल मलिक, चंदन रॉय, सान्विका, दुर्गेश कुमार जैसे बेहतरीन कलाकार शामिल हैं। लेकिन जब कहानी ही मजबूत न हो तो बेहतरीन अदाकारी भी रंग नहीं जमा पाती। शुरुआत में चुनावी राजनीति और हल्के-फुल्के मजाक अच्छे लगते हैं, लेकिन जल्द ही कहानी खिंचने लगती है।
Panchayat Season 4 Review: चौकड़ी का जादू फीका पड़ा
पिछले सीजन तक सचिव जी, विकास, प्रह्लाद चा और प्रधान जी की चौकड़ी ही सीरीज की जान थी। लेकिन Panchayat Season 4 में इनकी आपसी बॉन्डिंग कहीं कमजोर पड़ गई है। इस बार न पहले जैसी सादगी है, न वह अपनापन। रघुवीर यादव और नीना गुप्ता ने जरूर अपने किरदारों में जान डालने की कोशिश की, लेकिन स्क्रिप्ट में कमजोरी साफ नजर आती है।
क्या अब थमेगी पंचायत की लोकप्रियता?
कुल मिलाकर Panchayat Season 4 बताता है कि एक बार जो कहानी हिट हो जाए, उसे बार-बार खींचना सही नहीं होता। तीसरे सीजन के बाद ही इस सीरीज में गिरावट आने लगी थी, और चौथे सीजन में यह साफ महसूस होता है। हालांकि ओटीटी प्लेटफॉर्म ने पांचवे सीजन की भी मंजूरी दे दी है, लेकिन दर्शक तब तक तभी लौटेंगे जब कहानी में फिर से फुलेरा गांव की असली खुशबू लौटेगी।
Rating: ⭐⭐ (2/5)