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Puri Minor Girl Incident: पुरी में नाबालिग छात्रा से हैवानियत, एम्स भुवनेश्वर के बाहर विपक्ष का भारी विरोध प्रदर्शन

Puri Minor Girl Incident: पुरी में नाबालिग छात्रा से हैवानियत, एम्स भुवनेश्वर के बाहर विपक्ष का भारी विरोध प्रदर्शन

ओडिशा के पुरी जिले के बलंगा क्षेत्र में 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा के साथ दिल दहला देने वाली घटना के बाद पूरे राज्य में आक्रोश की लहर है। गंभीर रूप से झुलसी इस बच्ची का इलाज भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में चल रहा है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। एम्स प्रशासन और डॉक्टरों ने बताया है कि बच्ची के शरीर का लगभग 70 से 75 प्रतिशत हिस्सा जल चुका है। आगामी 48 से 72 घंटे उसके जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं।

एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक डॉ. आशुतोष विश्वास ने जानकारी दी है कि बच्ची को आईसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है, हालांकि वह वेंटिलेटर पर नहीं है। डॉक्टरों की 14 सदस्यीय टीम उसके इलाज में जुटी हुई है और हर संभव प्रयास कर रही है। डॉक्टरों के अनुसार, पीड़िता फिलहाल होश में है और बात भी कर रही है, लेकिन स्थिति बेहद संवेदनशील बनी हुई है।

इसी बीच, इस घटना को लेकर राजनीतिक पारा चढ़ चुका है। बीजद, कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने एम्स भुवनेश्वर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। सभी पार्टियों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई और पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स में स्थानांतरित करने की मांग की है।

राजनीतिक बयानबाज़ी और टकराव

भाजपा नेता बाबू सिंह ने विरोध प्रदर्शन को लेकर चिंता जताते हुए कहा, “अगले 72 घंटे इस मरीज़ के लिए बेहद अहम हैं। इस समय वार्ड के बाहर शोर-शराबा और भीड़ इकट्ठा करना बाकी मरीजों के लिए भी खतरा बन सकता है। इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पहले ही संकेत दिया है कि जरूरत पड़ी तो पीड़िता को एयरलिफ्ट कर दिल्ली एम्स ले जाया जाएगा।”

वहीं बीजद नेता प्रदीप कुमार माझी ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, “यह सरकार की विफलता है। जैसे बालासोर की घटना की पीड़िता ने एम्स में दम तोड़ दिया, वैसे ही पुरी की इस छात्रा की भी जान जाने की पूरी आशंका है। हम मांग करते हैं कि उसे आज ही दिल्ली भेजा जाए।”

एम्स प्रशासन की चेतावनी

एम्स प्रशासन ने विरोध प्रदर्शनों को लेकर सख्त नाराजगी जताई है। अस्पताल की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि परिसर में किसी प्रकार के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। इससे अन्य मरीजों, तीमारदारों और डॉक्टरों को परेशानी हो रही है। भुवनेश्वर के डीसीपी जगमोहन मीणा ने बताया कि विरोध की वजह से अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जिससे इलाज में बाधा आई है।

क्या है मामला?

पुरी के बलंगा क्षेत्र में कुछ बदमाशों ने कथित रूप से नाबालिग लड़की को आग के हवाले कर दिया था। घटना के बाद लड़की को गंभीर हालत में पहले स्थानीय अस्पताल और फिर एम्स भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया। इस घटना ने राज्यभर में रोष पैदा कर दिया है और विपक्ष ने कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।

 

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