Noida: 250 से ज्यादा अनफिट बसें बन सकती हैं हादसों का कारण, विभाग की कार्रवाई कागजों में सीमित

Noida: 250 से ज्यादा अनफिट बसें बन सकती हैं हादसों का कारण, विभाग की कार्रवाई कागजों में सीमित
नोएडा। जिले में बढ़ते सड़क हादसों के बीच परिवहन विभाग की लापरवाही गंभीर चिंता का विषय बन गई है। जनपद में 250 से अधिक ऐसी बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं जो लंबे समय से बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के संचालित हो रही हैं। इन बसों में कई स्कूल बसें, कंपनी बसें और रोडवेज के बेड़े की बसें भी शामिल हैं, जो प्रतिदिन हजारों यात्रियों को लेकर चलती हैं। विशेषज्ञों और प्रशासन दोनों का मानना है कि ऐसे वाहन किसी भी समय बड़े हादसों का कारण बन सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद अब तक प्रभावी कार्रवाई नहीं दिख रही है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, जिले में कुल 6322 बसें पंजीकृत हैं। इनमें से करीब 291 बसों की फिटनेस अवधि समाप्त हो चुकी है, जिनमें कुछ वाहन डेढ़ से दो वर्ष से बिना फिटनेस के ही सड़क पर चल रहे हैं। परिवहन विभाग ने इन बस मालिकों को नोटिस जारी किए हैं और जल्द से जल्द फिटनेस नवीनीकरण कराने के निर्देश दिए हैं, लेकिन अब तक अधिकांश बस मालिक फिटनेस कराने नहीं पहुंचे हैं। विभाग द्वारा बनाई गई सूची के अनुसार, इन बसों द्वारा नियमित रूप से स्कूली बच्चों और आईटी कंपनियों के कर्मचारियों का परिवहन किया जा रहा है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि फिटनेस न होने से वाहनों में ब्रेक फेल, टायर फटने, सस्पेंशन टूटने और अन्य तकनीकी खराबियां होने की आशंका बढ़ जाती है, जो किसी भी समय गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बन सकती हैं। प्रवर्तन दल को सतर्क किया गया है और हाई-रिस्क रूट पर चेकिंग अभियान तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर इन बसों ने फिटनेस नवीनीकरण नहीं कराया तो उन्हें जब्त किया जा सकता है और भारी जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही, बस मालिकों के परमिट रद्द करने की भी तैयारी की जा रही है।
स्थानीय लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि जब अनफिट वाहन हादसों की जड़ हैं, तो विभाग केवल नोटिस भेजकर अपनी जिम्मेदारी पूरी मान रहा है। लोगों का कहना है कि दंडात्मक कार्रवाई में तेजी न आने से वाहन संचालकों के हौसले बुलंद हैं और यह सीधे-सीधा जन सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
जागरूक नागरिकों और अभिभावकों ने प्रशासन से मांग की है कि स्कूल बसों की विशेष जांच की जाए और बिना फिटनेस के किसी भी वाहन को सड़क पर उतरने की इजाजत न दी जाए। आने वाला समय तय करेगा कि विभाग कितनी गंभीरता से इस खतरे पर नियंत्रण करता है या फिर हादसों की संख्या बढ़ने के बाद ही कार्रवाई होगी।
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