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Noida Consumer Court Case: वाहन चोरी मामले में बीमा कंपनी को बड़ा झटका, उपभोक्ता आयोग ने 45 हजार रुपये ब्याज समेत 30 दिन में भुगतान का आदेश दिया

Noida Consumer Court Case: वाहन चोरी मामले में बीमा कंपनी को बड़ा झटका, उपभोक्ता आयोग ने 45 हजार रुपये ब्याज समेत 30 दिन में भुगतान का आदेश दिया

कागजात में देरी का बहाना नहीं चलेगा
नोएडा में जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को फटकार लगाते हुए स्पष्ट किया कि वाहन चोरी के मामले में केवल दस्तावेजों की कमी या सूचना में देरी का हवाला देकर क्लेम खारिज नहीं किया जा सकता। आयोग ने इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया कि वह उपभोक्ता लोकेंद्र कुमार को 45 हजार रुपये 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज समेत 30 दिन के भीतर अदा करे।

लोकेंद्र कुमार की बाइक सूरजपुर से हुई थी चोरी
यह मामला बुलंदशहर निवासी लोकेंद्र कुमार से जुड़ा है। वर्ष 2017 में सूरजपुर थाना क्षेत्र से उनकी मोटरसाइकिल चोरी हो गई थी। उन्होंने तत्काल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बीमा कंपनी को भी जानकारी दी। कंपनी ने सर्वेयर नियुक्त किया, जिसे लोकेंद्र ने सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए। इसके बावजूद 24 दिसंबर 2019 को कंपनी ने क्लेम अस्वीकार कर दिया और कहा कि सूचना में देरी और दस्तावेजों की कमी के कारण भुगतान नहीं किया जा सकता।

आयोग ने माना कंपनी का निर्णय अनुचित
लोकेंद्र कुमार ने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई। सुनवाई के दौरान आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार पुंडीर और सदस्य अंजु शर्मा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। आयोग ने पाया कि शिकायतकर्ता ने चोरी की रिपोर्ट समय पर दी थी और सर्वेयर के साथ पूरा सहयोग किया था। सभी दस्तावेज भी समय पर उपलब्ध कराए गए थे। आयोग ने माना कि बीमा कंपनी ने अनुचित तरीके से क्लेम अस्वीकार किया, जिससे उपभोक्ता को मानसिक और आर्थिक कष्ट झेलना पड़ा।

45 हजार रुपये ब्याज समेत 30 दिन में देने का आदेश
आयोग ने बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह 45 हजार रुपये 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित 30 दिनों में अदा करे। इसके अलावा, दो हजार रुपये वाद व्यय के रूप में भी भुगतान करने होंगे। यह फैसला उपभोक्ताओं के लिए मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे यह संदेश गया है कि बीमा कंपनियां तकनीकी खामियों के नाम पर उपभोक्ताओं को उनका हक नहीं छीन सकतीं।

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