
न्यूज़ -1 नई दिल्ली/ कोझिकोड: केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस का एक संदिग्ध मामला सामने आने के बाद हड़कंप मचा हैं। शनिवार को मलप्पुरम जिले में स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में वायरस के प्रसार को रोकने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने वाले उपायों पर चर्चा की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार को केरल के कोझीकोड में जूनोटिक वायरस निपाह के लक्षणों के मद्देनजर एक 14 वर्षीय बच्चे को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि बच्चे की हालत स्थिर है और परिवार के सदस्यों में फिलहाल कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं। संक्रमण की पुष्टि के लिए उसके ब्लड सैंपल को पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजा गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक केरल में सरकार ने निपाह वायरस नियंत्रण के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए समितियों का भी गठन किया है। पिछले महीने ही केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की थी कि राज्य में निपाह की रोकथाम के प्रयासों को तेज किया जाएगा, विशेष रूप से मई से सितंबर के महत्वपूर्ण महीनों के दौरान, जब वायरस के फैलने की सबसे अधिक संभावना होती है।
क्या है निपाह वायरस?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निपाह वायरस यानी एनआईवी एक तेज़ी से उभरता वायरस है, जो जानवरों और इंसानों में गंभीर स्वास्थ्य समस्या को जन्म देता है। सर्वप्रथम 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगई निपाह से एनआईवी के बारे में सबसे पहले पता चला था, तभी से इस वायरस को यह नाम मिला। उस समय इस बीमारी के वाहक सुअर बनते थे।