
Faridabad: फ़रीदाबाद में 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल, सरकारी नीतियों के खिलाफ उतरेंगे कर्मचारी संगठन
रिपोर्ट: संदीप चौहान
केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ देशभर में गूंजने वाली आवाज 9 जुलाई को फरीदाबाद में भी बुलंद होने वाली है। इस दिन सफाई कर्मचारियों सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी केंद्र सरकार की श्रम विरोधी और जनविरोधी नीतियों के विरोध में देशव्यापी हड़ताल पर जाएंगे। यह हड़ताल देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और दर्जनों कर्मचारी संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से बुलाई गई है, जिसे सफल बनाने के लिए फरीदाबाद में व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं।
हड़ताल की घोषणा को लेकर शहर के अरावली गोल्फ कोर्स में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री और सीटू हरियाणा के महासचिव जय भगवान प्रमुख रूप से मौजूद रहे। नेताओं ने बताया कि यह हड़ताल न केवल श्रमिक वर्ग की लड़ाई है, बल्कि आम जनता के अधिकारों की भी लड़ाई है, जिसमें लाखों कर्मचारी और मजदूर हिस्सा लेंगे।
हड़ताल के पीछे कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिनमें सबसे प्रमुख चार लेबर कोड का विरोध है, जिसे श्रमिक विरोधी बताया जा रहा है। इसके अलावा पुरानी पेंशन योजना की बहाली, ठेका प्रथा के खिलाफ आवाज़, न्यूनतम वेतन की मांग, सरकारी विभागों के तेजी से हो रहे निजीकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में हो रही कटौती, और स्थायी भर्तियों की जगह ठेका प्रणाली के बढ़ते दखल जैसी समस्याओं को लेकर कर्मचारी संगठन आक्रोश में हैं।
नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियां कॉरपोरेट्स और अमीर वर्ग को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई जा रही हैं, जबकि आम कर्मचारियों, किसानों और मजदूरों के हितों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक सरकार ने 17 लाख करोड़ रुपये की राहत पूंजीपतियों को दे दी है, जबकि आम जनता महंगाई, बेरोज़गारी और असुरक्षित भविष्य से जूझ रही है।
हड़ताल को लेकर पूरे हरियाणा में 30 जून से जनसभाओं का दौर शुरू हो चुका है, जिनके जरिए जनता को सरकार की नीतियों के खिलाफ जागरूक किया जा रहा है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा और सीटू इस हड़ताल को ज़मीनी स्तर पर सफल बनाने के लिए सभी विभागों में संपर्क अभियान चला रहे हैं। प्रेस वार्ता के दौरान यह भी जानकारी दी गई कि संयुक्त किसान मोर्चा ने इस हड़ताल को अपना समर्थन देने की घोषणा की है, जिससे यह आंदोलन और व्यापक हो गया है।
संगठनों का दावा है कि 9 जुलाई को होने वाली यह हड़ताल ऐतिहासिक होगी, जिसमें देशभर में करोड़ों कर्मचारी, मजदूर, किसान और सामाजिक संगठन शामिल होंगे। उनका कहना है कि यह केवल एक दिन की हड़ताल नहीं, बल्कि सरकार को चेतावनी है कि अगर जनविरोधी नीतियों को वापस नहीं लिया गया तो आगे और बड़े आंदोलन किए जाएंगे। फरीदाबाद में भी सरकारी दफ्तरों, सफाई व्यवस्था और अन्य जनसेवाओं पर इस हड़ताल का व्यापक असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।