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नई दिल्ली: सेहतमंद भविष्य का निर्माण करने में मददगार साबित होगा ‘मिशन 2035’ : जैकी श्रॉफ

नई दिल्ली: -2035 तक थैलेसीमिया उन्मूलन के लिए फोर्टिस हेल्थ केयर ने लॉन्च किया ‘मिशन 2035’

-जन- जागरूकता के लिए आयोजित ‘रेड रन टू एंड थैलेसीमिया’ में 2,000 से अधिक लोगों ने लिया हिस्सा
नई दिल्ली, 27 अप्रैल : फोर्टिस हेल्थ केयर ने 2035 तक थैलेसीमिया के उन्मूलन के उद्देश्य से रविवार को देशव्यापी आंदोलन ‘मिशन 2035’ लॉन्च किया। इस अवसर पर थैलेसीमिया जागरूकता के ब्रांड एंबेसडर बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

इस दौरान जनता को थैलेसीमिया के प्रति जागरूक बनाने के मकसद से ‘रेड रन टू एंड थैलेसीमिया’ का आयोजन किया गया जिस (दौड़) में 2,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया और लगभग 5 किलोमीटर का फासला तय किया। अभिनेता जैकी श्रॉफ ने कहा, थैलेसीमिया का उन्मूलन करना केवल मेडिकल लक्ष्य ही नहीं है। बल्कि नैतिक दायित्व भी है। भारत में हर साल लगभग 10,000 से 15,000 थैलेसीमिया मेजर के नए मामले सामने आते हैं। यह एक ऐसा मौन संकट है जो लगातार अनगिनत परिवारों को, खासतौर से कम सुविधा-प्राप्त क्षेत्रों में, प्रभावित करता आ रहा है।

जैकी श्रॉफ ने कहा, आरंभिक स्तर पर थैलेसीमिया स्क्रीनिंग और जागरूकता से अनेक बच्चों को आजीवन परेशानी से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा, मैं इस मिशन 2035 पहल के लिए फोर्टिस हेल्थकेयर का पूरा समर्थन करता हूं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए अधिक सेहतमंद भविष्य का निर्माण करने में मददगार साबित होगा। हम मिल-जुलकर, इस संदेश को बड़े पैमाने पर पहुंचाएंगे, क्योंकि बचाव की शुरुआत जागरूकता से ही होती है।

पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी, हेमेटो ओंकोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट के निदेशक डॉ विकास दुआ ने कहा, थैलेसीमिया ऐसा आजीवन बोझ है जो न सिर्फ बच्चे को बल्कि पूरे परिवार को भी शारीरिक, भावनात्मक और वित्तीय स्तर पर काफी प्रभावित करता है। लेकिन, इससे पूरी तरह से बचाव किया सकता है जिसके लिए समय पर स्क्रीनिंग तथा जेनेटिक काउंसलिंग की जरूरत होती है। प्रेगनेंसी के दौरान, सूचना आधारित फैसला लेने से पूरे जीवन भर की परेशानी से बचा जा सकता है। फोर्टिस हेल्थकेयर के एमडी एवं सीईओ डॉ आशुतोष रघुवंशी ने कहा, मिशन 2035 प्रीवेंटिव हेल्थकेयर और थैलेसीमिया मुक्त भारत की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता है। थैलेसीमिया से बचाव संभव है, और हमें इसके प्रसार को रोकने के लिए शुरुआती स्क्रीनिंग, जेनेटिक काउंसलिंग तथा आम जनता को शिक्षित करना जरूरी है।

क्या है थैलेसीमिया?
थैलेसीमिया ऐसा आनुवांशिक रक्त विकार (जेनेटिक ब्लड डिसऑर्र) है जिससे बचाव संभव है, लेकिन इसके बावजूद भारत में ही हर साल लगभग 10,000 से 15,000 बच्चे थैलसीमिया के साथ जन्म लेते हैं। मिशन 2035 का उद्देश्य इस बारे में जागरूकता, प्रारंभिक स्क्रीनिंग तथा जेनेटिक काउंसलिंग को बढ़ावा देने के साथ-साथ, उपचार तक पहुंच में सुधार लाना है। साथ ही नए मामलों की रोकथाम के लिए नीतिगत सुधारों की वकालत कर इस स्थिति में बदलाव लाना है।

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