
नई दिल्ली, 8 अगस्त : देश की स्टार फुटबॉलर मनीषा कल्याण ने शुक्रवार को नेहरू स्टेडियम में कहा, अस्मिता ‘युवा लड़कियों के लिए अपने फुटबॉल सपनों को साकार करने का एक दुर्लभ मंच है।
उन्होंने अचीविंग स्पोर्ट्स माइलस्टोन बाय इंस्पायरिंग वुमेन (अस्मिता) अंडर-13 लीग के गुवाहाटी चरण में भाग ले रही आठ टीमों को संबोधित करते हुए कहा, मैं अभी भी फीफा विश्व कप और ओलंपिक में खेलने का सपना देख रही हूँ और अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले एएफसी महिला एशियाई कप के लिए क्वालीफाई करने के बाद, हमारा विश्वास और भी मजबूत हो गया है। अब आपके पास अस्मिता जैसा मंच है और आप जितने ज्यादा बेहतरीन मैच खेलेंगे, आप उतने ही बेहतर होते जाएंगे। अस्मिता का उद्देश्य पूरे भारत में जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं की खोज करना है।
मनीषा ने कहा, फुटबॉल पूर्वोत्तर के लोगों के रग-रग में है। मैं बाला देवी को खेलते हुए देखकर बड़ी हुई हूँ और अब सीनियर राष्ट्रीय टीम में मेरी 11 साथी इसी क्षेत्र से हैं। यह दर्शाता है कि यहां कितनी प्रतिभा मौजूद है। हो सकता है, पाँच साल बाद, इनमें से कोई एक बच्चा असम और फिर भारत के लिए खेले। बस कड़ी मेहनत करो और सिर्फ़ फुटबॉल के बारे में सोचो। यह माहौल निश्चित रूप से विकसित हो रहा है और सरकार के सहयोग से हम और बेहतर कर सकते हैं।
यूईएफए चैंपियंस लीग में खेलने वाली एकमात्र भारतीय फुटबॉलर मनीषा ने असम की दो उभरती हुई प्रतिभाओं – रेखा कटकी और दोसोमी रौतिया के बाबत कहा, दोनों अस्मिता लीग की देन हैं और असम फ़ुटबॉल में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। जहां दोसोमी राष्ट्रीय शिविर में पहुंच गई हैं, वहीं रेखा ने भारतीय महिला लीग डिवीजन 2 में नॉर्थ ईस्ट यूनाइटेड फुटबॉल क्लब की कप्तानी की है।
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