
नई दिल्ली, 16 अप्रैल: केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बुधवार को मुंबई में कहा कि पैकेजिंग के टिकाऊ तरीकों की ओर बढ़ना समय की मांग है। ताकि पर्यावरण संरक्षण से लेकर लोगों की सेहत की रक्षा की जा सके।
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्लास्टिक का उपयोग वैश्विक स्तर पर एक बढ़ती हुई चिंता है, क्योंकि यह पर्यावरण में वर्षों तक बिना विघटित हुए रहता है और इसके हानिकारक परिणाम होते हैं। उन्होंने कहा, आज हमें ऐसे विकल्पों की ओर बढ़ने की आवश्यकता है जो टिकाऊ, पुनर्चक्रण योग्य और बायोडिग्रेडेबल हों। वह भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा आयोजित ‘खाद्य व्यवसाय के लिए टिकाऊ पैकेजिंग: उभरते वैश्विक रुझान और नियामक ढांचा ‘ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
जाधव ने कहा कि पैकेजिंग में आरपीईटी के उपयोग के लिए एफएसएसएआई ने सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। साथ ही आसान पहचान और खाद्य उत्पादों के उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए एक लोगो भी विकसित किया गया है। इस अवसर पर उद्योग प्रतिनिधियों ने खाद्य और पेय उत्पादों के लिए पर्यावरण के अनुकूल, हल्के और पुनर्चक्रण योग्य पैकेजिंग समाधान विकसित करने को लेकर अपने प्रस्ताव पेश किए।
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