
नई दिल्ली, 9 जुलाई : देश का पहला स्वदेशी गोताखोरी सहायता पोत ‘निस्तार’ मंगलवार को विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना को सौंपा गया। लगभग 75% स्वदेशी सामग्री वाले निस्तार का निर्माण हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है।
इस युद्धपोत को भारतीय नौवहन रजिस्टर के वर्गीकरण नियमों के अनुसार डिजाइन और निर्मित किया गया है। यह जहाज अत्यधिक विशिष्ट है जो गहरे समुद्र में गोताखोरी और बचाव अभियान चला सकता है। यह क्षमता दुनिया भर की चुनिंदा नौसेनाओं के ही पास है जिनमें भारत भी शामिल हो गया है। जहाज का नाम, ‘निस्तार’, संस्कृत से लिया गया है और इसका अर्थ है मुक्ति, बचाव या मोक्ष। 118 मीटर लंबे और लगभग 10,000 टन भार वाले इस जहाज में अत्याधुनिक गोताखोरी उपकरण लगे हैं और यह 300 मीटर की गहराई तक गहरे समुद्र में संतृप्ति गोताखोरी करने में सक्षम है।
जहाज में 75 मीटर की गहराई तक गोताखोरी अभियान चलाने के लिए एक साइड डाइविंग स्टेज भी है। यह जहाज गहरे जलमग्न बचाव पोत के लिए “मदर शिप” के रूप में भी काम करेगा, ताकि पानी के भीतर किसी पनडुब्बी में आपात स्थिति में कर्मियों को बचाया और निकाला जा सके। यह जहाज 1000 मीटर की गहराई तक गोताखोर निगरानी और बचाव अभियान चलाने के लिए रिमोट से संचालित वाहनों के संयोजन से सुसज्जित है।
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