
नई दिल्ली, 1 अप्रैल : केंद्र सरकार की सस्ती और गुणवत्ता पूर्ण दवाओं ने एक बार फिर आम आदमी को बड़ी राहत प्रदान की है। जिसके तहत आम लोग इस वर्ष अपने दवा खर्च में लगभग 8000 करोड़ रूपये की बचत करने में कामयाब रहे हैं।
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के सीईओ रवि दाधीच ने बताया कि आम जनता की सुविधा के लिए वर्ष 2024 -25 में देशभर में 15400 जनऔषधि केंद्र खोले जा चुके हैं। इन केंद्रों के माध्यम से हम, ना सिर्फ करीब 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की दवा बेचने में कामयाब रहे हैं। बल्कि आम जनता की आर्थिक सेहत में इजाफा करने में भी सफल रहे हैं। बीते वित्तीय वर्ष में आम जनता के दवा खर्च में लगभग 8000 करोड़ रूपये की बचत हुई है। कुल मिलाकर पिछले 10 वर्षों में लगभग 38 हजार करोड़ रुपए बचाए गए हैं।
उन्होंने कहा, पीएमबीजेपी केंद्रों में बेची जा रही जेनेरिक दवाइयों के मूल्य खुले बाजार में उपलब्ध ब्रांडेड दवाइयों के मूल्यों की तुलना में 50-90% तक कम होते हैं। वर्तमान में इन केंद्रों पर 2047 दवाइयां एवं 300 अन्य सर्जिकल उत्पाद आदि उपलब्ध हैं। इनमें सभी प्रमुख श्रेणियों की दवाईयां जैसे कि मधुमेह, रक्त्चाप, गैस्ट्रो, आदि की दवाएं शामिल हैं। जनऔषधि केन्द्रो से बिकने वाली दवाइयों के प्रत्येक बैच को एन ए बी एल प्रत्यायित प्रयोगशालाओं से परीक्षण कराया जाता है।
दाधीच के मुताबिक जेनेरिक दवाइयों को बढ़ावा देने का मकसद प्रति व्यक्ति इलाज पर होने वाले व्यय में कमी लाना है। पीएमबीआई, एलोपैथिक दवाओं के साथ आयुष प्रोडक्ट्स भी सस्ते दामों पर उपलब्ध करा रहा है जिनमें त्रिफला, शिलाजीत, अश्वगंधा और च्यवनप्राश स्पेशल जैसे प्रोडक्ट्स शामिल हैं। यहां एंटी-कैंसर, एंटी-एलर्जिक, एंटी-डायबिटिक, कार्डियोवैस्कुलर दवाएं, विटामिन व मिनरल्स और फूड सप्लीमेंट्स आदि के साथ मास्क, डायपर, आर्थोपेडिक रिहैबिलिटेशन प्रोडक्ट्स, सीरिंज या सुई, सैनिटरी नैपकिन, ऑक्सीमीटर और रैपिड एंटीजन टेस्ट किट जैसे सर्जिकल उत्पाद भी सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं।
ओटीसी दवा भी उपलब्ध
पीएमबीआई ने कई प्रकार के ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) प्रोडक्ट भी लांच किए हैं जिन्हें आप बिना डॉक्टर के पर्चे के खरीद सकते हैं। इनमें जनऔषधि ऊर्जा, जनऔषधि अंकुर, जनऔषधि स्वाभिमान, जनऔषधि बचपन, जन औषधि पोषण, जन औषधि जननी, जन औषधि मधुरक, जन पुदीना सॉफ्ट जेल कैप्सूल, इत्यादि प्रमुख हैं।
सस्ती क्यों हैं जेनेरिक दवाएं
केंद्र सरकार दवाओं की खरीद सीधे दवा निर्माता कंपनी से करती है और फिर दवाओं को वेयर हाउस से जनऔषधि केंद्र तक पहुंचाती है। इस बीच कोई मिडलमैन न होने के चलते मरीज को दवा 50% से 90% तक सस्ती मिलती है।
सभी दवाएं 90% सस्ती क्यों नहीं ?
केंद्र सरकार प्रत्येक जेनेरिक दवा के दाम तय करने के लिए सबसे पहले बाजार में मौजूद उस दवा के टॉप थ्री ब्रांड के दाम का औसत निकालती है और फिर उस औसत मूल्य का 50% दाम बिक्री के लिए तय करती है। यानि 200 रुपए औसत मूल्य वाली ब्रांडेड दवा के आधार पर जेनेरिक दवा का दाम एमआरपी के साथ 100 रुपए तय हो जाता है। इसी तरह अन्य जेनेरिक दवाओं के दाम समान फॉर्मूले पर आधारित अन्य ब्रांडेड दवाओं के औसत मूल्य के मुताबिक तय होते हैं जिस वजह से कुछ दवाएं 50% तो कुछ दवाएं 90% तक सस्ती हो जाती हैं।
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