नई दिल्ली, 27 अक्तूबर : आंख के रेटिना संबंधी समस्याओं से ग्रस्त बच्चों की सर्जरी अब हिंदूराव अस्पताल में भी हो सकेगी। इससे पहले आंख की सर्जरी की जरूरत वाले मरीजों को हिंदूराव अस्पताल से अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता था।
दरअसल, अस्पताल के नेत्र रोग विभाग ने करीब नौ साल बाद सर्जरी एनेस्थीसिया (बेहोशी) सुविधा को फिर से शुरू कर दिया है। जिससे बाल नेत्र सर्जरी की सुविधा बहाल हो गई है। इसके साथ ही आंख के रेटिना से जुड़ी सुविधाओं को विस्तार देने का काम भी तेज हो गया है। दिल्ली नगर निगम के नए निदेशक (अस्पताल प्रशासन) ने अस्पताल की इमारतों एवं ढांचों में सुधार लाने के साथ उन्नत उपचार और मरीजों की सुविधा पर ध्यान केंद्रित किया है।
इसी क्रम में अस्पताल ने इनडायरेक्ट ऑप्थैल्मोस्कोप मशीन खरीदने की टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। यह ऐसा हाई-टेक उपकरण है जो नेत्र रोग विशेषज्ञों के टूलबॉक्स का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह डॉक्टरों को मरीज की आंख के अंदर तक रेटिना की स्थिति देखने और जांचने में मदद करेगा। अस्पताल अब नवजात शिशुओं में पाए जाने वाले रेटिनोपैथी ऑफ प्री मैच्योरिटी की जांच के साथ-साथ बच्चों की आंखों का रेटिना लेजर उपचार भी कर रहा है। यह सुविधा पिछले वर्ष शुरू की गई थी और अब इसे और सशक्त किया जा रहा है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा, हमारा लक्ष्य है कि हर मरीज को सर्वोत्तम नेत्र चिकित्सा उपलब्ध कराई जाए।
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