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नई दिल्ली: हिंद -प्रशांत क्षेत्र में महामारियों से निपटने के लिए रोडमैप बनाएगा क्वाड

नई दिल्ली: -एवियन इन्फ्लूएंजा, एमपॉक्स और इबोला जैसे रोगों से स्वास्थ्य खतरों में इजाफा

नई दिल्ली, 17 मार्च : हिंद -प्रशांत क्षेत्र में महामारियों से निपटने के लिए क्वाड एक रोडमैप बनाएगा। जिसके तहत वैश्विक स्वास्थ्य आपातकालीन ढांचे को मजबूत करने से लेकर स्वास्थ्य के लिए खतरे के तौर पर विकसित हो रही महामारियों से निपटने के लिए समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण के तहत बहुक्षेत्रीय लेंस के माध्यम से मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य की रक्षा की जाएगी।

यह बातें केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय क्वाड कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद कहीं। उन्होंने कहा, “हाल के दिनों में फिर से उभरते स्वास्थ्य खतरों के बढ़ने से वैश्विक स्वास्थ्य की सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता में इजाफा हुआ है जिसने मजबूत तैयारियों, बढ़ी हुई निगरानी और अच्छी तरह से समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया तंत्र की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित किया है। पटेल ने बताया, भारत आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) जैसी पहलों और कोविन प्लेटफॉर्म, ई-संजीवनी, राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा, मानसिक स्वास्थ्य रोगों के प्रबंधन के लिए टेली-मानस और क्षय रोग के रोगियों की निगरानी और प्रबंधन के लिए नि-क्षय पोर्टल जैसे उपकरणों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा में डिजिटल तकनीक का उपयोग कर रहा है।

भारत ने महामारी कोष के लिए दिए 86 करोड़
केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारत ने महामारी कोष की स्थापना के लिए 86 करोड़ 78 लाख रुपए (10 मिलियन अमरीकी डालर) का योगदान दिया है, जिसे विशेष रूप से महामारियों से लड़ने के लिए संकल्पित किया गया था। इसके अलावा भारत 12 मिलियन अमरीकी डालर का भी योगदान करेगा। उन्होंने कहा, हमारी मजबूत डिजिटल रोग निगरानी प्रणाली, उन देशों के लिए एक मूल्यवान मॉडल पेश करती है जो अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करना चाहते हैं।

स्वास्थ्य सुरक्षा की ताकत के रूप में उभरा क्वाड
स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा, यह कार्यशाला ज्ञान, सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने और लोगों को भविष्य के स्वास्थ्य संकट का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए सुसज्जित करके भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने का एक मूल्यवान अवसर है। उन्होंने कहा, भारत की विशाल वैक्सीन उत्पादन क्षमता, संयुक्त राज्य अमेरिका के अत्याधुनिक अनुसंधान, जापान की तकनीकी विशेषज्ञता और ऑस्ट्रेलिया की मजबूत क्षेत्रीय भागीदारी का लाभ उठाकर, क्वाड भारत-प्रशांत और उससे आगे स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक ताकत के रूप में उभरा है।

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