
नई दिल्ली, 6 अक्तूबर : फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट (एफईएचआई) ने दुर्लभ ह्रदय रोग ‘इंसेसेंट टेकीकार्डिया’ से पीड़ित सात वर्षीय इराकी बच्चे को इलैक्ट्रोफिजियोलॉजी स्टडी (ईपीएफ) एवं रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (आरएफए) के जरिये ठीक करने का दावा किया है। इस बच्चे का दिल ना सिर्फ सामान्य से दोगुनी गति से धड़क रहा था। बल्कि लगातार धड़कने के चलते हृदय की मांसपेशियां को भी कमजोर कर रहा था जिससे हार्ट फेल होने की आशंका बढ़ती जा रही थी।
एफईएचआई के डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियक पेसिंग एंड इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. अपर्णा जसवाल और सीनियर कंसल्टेंट डॉ अमितेश चक्रवर्ती के मुताबिक इंसेसेंट टैकीकार्डिया एक लगातार और त्वरित हृदय गति संबंधी विकार है जो 1000 में एक व्यक्ति को होता है। यह अपने आप ठीक नहीं होता है। इसकी वजह से हृदय की मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं और हार्ट फेल की शिकायत बढ़ जाती है। यह बेहद जटिल और दुर्लभ मामला था। आमतौर से, इस प्रकार की प्रक्रियाओं को तब तक रोका जाता है जब तक बच्चे का वजन 30 किलोग्राम से अधिक नहीं हो जाता। लेकिन, इस मामले में मरीज की कंडीशन लगातार बिगड़ रही थी और अगर इलाज में देरी की जाती तो हार्ट फेल होने की आशंका बढ़ सकती थी। सही तरह के उपकरणों की मदद से प्लानिंग और एग्जीक्यूशन से इस बच्चे को नया जीवनदान मिला। एक सप्ताह के भीतर ही बच्चे को नॉर्मल लाइफ में लौटता देखना सही मायने में हमारे लिए सुखद रहा है।
उन्होंने बताया कि यह मरीज हृदय में असामान्य सर्किट के साथ जन्मा था। जब इस बच्चे को इलाज के लिए फोर्टिस एस्कॉर्ट्स,ओखला लाया गया तो उसकी हृदय गति/धड़कन काफी असामान्य यानि 170-200 धड़कन प्रति मिनट थी। सामान्य हृदय गति 75-118 धड़कन प्रति मिनट होती है। इस बच्चे का जन्म केवल 26 किलो था और वह पिछले कई वर्षों से बीमार था,और इस मामले में बच्चे की उम्र और काफी कम वजन को देखते हुए उनके देश में कोई भी अस्पताल इस मामले को लेने के लिए तैयार नहीं था। इराक में डॉक्टरों ने मरीज को दवाओं की खतरनाक खुराक पर रखा था जिसके चलते उसकी लाइफ क्वालिटी पर खराब असर पड़ रहा था और इस बीमारी से भी उसे कोई राहत नहीं मिल रही थी। इस संबंध में काफी विचार-विमर्श और परामर्श के बाद, मरीज के परिजनों ने उसे इलाज के लिए भारत लाने का फैसला किया ताकि सही उपचार किया जा सके।
क्या है ईपीएफ -आरएफए ?
इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी स्टडी – एक प्रकार का डायग्नोस्टिक टेस्ट है जो असामान्य हृदय गति का पता लगाने और उसका उपचार करने के लिए इलैक्ट्रिक सिस्टम का मूल्यांकन करता है। जबकि रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन- एक प्रकार की मेडिकल प्रक्रिया है जो अर्थेमिया का कारण बनने वाले डिस्फंक्शनल हार्ट टिश्यू को नष्ट करने वाले अल्टरनेटिंग करंट से पैदा होने वाली हीट का उपयोग करने वाली मेडिकल प्रक्रिया है। यह 30 किलोग्राम से कम वजन के बच्चों में रिस्क के चलते काफी कम इस्तेमाल होता है। टीम ने छोटे आकार की हृदय की संरचनाओं और महीन धमनियों की सुरक्षा के लिए काफी सावधानी बरती। डॉक्टरों ने दो घंटे तक इलाज कर बच्चे के असामान्य हृदय गति को सामान्य बनाने के लिए इलेक्ट्रिकल मार्ग का सावधानीपूर्वक उपचार किया, जिससे उसकी सामान्य हृदय गति को बहाल किया जा सका।
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