
नई दिल्ली, 22 जुलाई : भारतीय सेना के आधुनिकीकरण के दौर में मंगलवार को तीन हमलावर हेलीकॉप्टर (अपाचे) हिंडन एयरबेस पर उतरे। इससे ना सिर्फ सेना के हवाई बेड़े को मजबूती मिलेगी। बल्कि पाकिस्तानी सीमा की निगरानी में भी आसानी होगी। ये हेलीकॉप्टर जल्द ही राजस्थान के जोधपुर में 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन का हिस्सा बनेंगे।
सेना इस हथियार का लंबे समय से इंतजार कर रही है जो 15 महीने के इंतजार के बाद मंगलवार की सुबह समाप्त हुआ। अमेरिका की ओर से भारत के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर भेजे गए तीनों हेलिकॉप्टरों की डिलीवरी 2020 में हुए 60 करोड़ डॉलर (करीब 5200 करोड़ रुपये) के सौदे का हिस्सा है। जिसे बीते साल जून में डिलीवर किया जाना था, लेकिन कई दिक्कतों की वजह से आपूर्ति नहीं हो पाई थी। भारतीय सेना ने अमेरिका से कुल छह अपाचे अटैक हेलिकॉप्टरों का सौदा किया है। बाकी तीन हेलिकॉप्टरों की डिलीवरी इस साल के अंत तक होने की उम्मीद है।
अपाचे अटैक के बारे में…
अपाचे हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे उन्नत अटैक हेलिकॉप्टर हैं। ये अपनी घातक मारक क्षमता और अत्याधुनिक तकनीक के लिए प्रसिद्ध हैं। इस घातक हथियार का नाम एएच-64ई अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर है, जो आसमान से दुश्मन पर गोलों की बारिश करता है। इसे ‘हवा में उड़ने वाली तोप’ कहा जाता है। ये हेलिकॉप्टर 30 एमएम चेन गन, लेजर और रडार-निर्देशित हेलफायर मिसाइलों और रॉकेट पॉड्स से लैस हैं। ये कई लक्ष्यों को एक साथ निशाना बना सकते हैं। इनका लॉन्गबो रडार रोटर के ऊपर लगा है। रात में ऑपरेशन के लिए नाइट विजन सिस्टम और खराब मौसम में भी सटीक निशाना लगाने की क्षमता इसे ‘फ्लाइंग तोप’ बनाती है।
जांच के बाद जोधपुर भेजे जाएंगे अपाचे
तीनों अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर को जोधपुर भेजने से पहले असेंबली और जॉइंट रिसीप्ट इंस्पेक्शन (जेआरआई) की प्रक्रिया से गुजरना होगा। ये हेलिकॉप्टर पश्चिमी सीमा पर खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्धक क्षमता और टोही मिशनों में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर पर भारत के सटीक हमलों के बाद सीमा पर तनाव बढ़ा है। अपाचे की तैनाती से भारतीय सेना को गहरे हमले और बख्तरबंद युद्ध में बढ़त मिलेगी।
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