नई दिल्ली, 13 जनवरी : भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के लिए एक प्रशिक्षण जहाज (यार्ड 16101) का कील-लेइंग समारोह सोमवार को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल), मुंबई में आयोजित किया गया। यह जहाज सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जा रहा है।
इस जहाज के माध्यम से आईसीजी के कैडेटों को 7,500 समुद्री मील की सीमा में उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकेगा। इसे एक प्रशिक्षण पुल, एक चार्ट हाउस और समर्पित कक्षाओं जैसी विशेष सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। यह तट पर अपने बुनियादी प्रशिक्षण के बाद महिला अधिकारियों सहित 70 अंडर-ट्रेनी अधिकारियों के प्रशिक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस 107 मीटर लंबे जहाज में अत्याधुनिक मशीनरी और उन्नत तकनीकी प्रणालियां भी होंगी, जिनमें एआई -आधारित पूर्वानुमानित रखरखाव प्रणाली, एक बहुउद्देशीय ड्रोन, एकीकृत ब्रिज सिस्टम और एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणाली शामिल है।
क्या है कील-लेइंग ?
कील बिछाना, जहाज की लॉन्चिंग, कमीशनिंग और डीकमीशनिंग जैसी चार प्रमुख घटनाओं में से एक है। जो निर्माण की शुरुआत की तारीख को चिह्नित करता है। कील बिछाने का मतलब स्टील से बनी प्लेट या बीम को स्थापित करना है। यह जहाज की रीढ़ का काम करता है। उबड़- खाबड़ लहरों में जहाज की स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।
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