
नई दिल्ली, 2 जून : अगर आप सुपर से भी ऊपर मोटापे के शिकार हैं तो यह खबर आपके लिए है। आपको मोटापा नियंत्रित करने के लिए बैलून वाली बैरिएट्रिक सर्जरी के बजाय ओएजीबी बैरिएट्रिक सर्जरी जैसे स्थायी उपचार पर ध्यान देना चाहिए। यह ना सिर्फ वजन कम करने में मददगार है। बल्कि बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या से निजात दिलाने में भी सक्षम है।
दरअसल, एम्स दिल्ली ने शनिवार को एक ऐसे युवक को मोटापे से राहत प्रदान की है जो 250 किलोग्राम वजन, 182 सेमी ऊंचाई, 75.5 बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के साथ सुपर-सुपर मोटापे के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। यह 31 वर्षीय व्यक्ति मूलतः यूपी का रहने वाला है और पेशे से रेलवे इंजीनियर है। इसका वजन बचपन से ही धीरे-धीरे बढ़ रहा था और सख्त आहार प्रबंधन व व्यायाम के बावजूद वजन कम नहीं हो पा रहा था। साथ ही इसे सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी जिससे दैनिक कार्य करने में असुविधा हो रही थी।
एम्स के सर्जरी विभाग के ट्रांसप्लांट और बैरिएट्रिक सर्जन डॉ. मंजुनाथ मारुति पोल ने बताया कि सुपर-सुपर मोटापा उन व्यक्तियों को संदर्भित करता है जिनका बीएमआई 60 से ज्यादा है। ऐसे में 75.5 का बीएमआई वाले व्यक्ति की बैरिएट्रिक सर्जरी करने के दौरान खून की नस ब्लॉक होने की संभावना थी जिससे मरीज को हार्ट अटैक आ सकता था। उसकी जान को खतरा हो सकता था। इससे बचाव के लिए मल्टी स्पेशलिटी टीम तैयार की गई जिसमें सर्जन के साथ एनेस्थीसिया के डॉ. पुनीत, कार्डियोलॉजी के डॉ. सौरभ अगस्तम, आहार विशेषज्ञ डॉ. ऋचा जायसवाल, मनोवैज्ञानिक और भौतिक चिकित्सक को शामिल किया गया।
इस टीम ने एनास्टोमोसिस गैस्ट्रिक बाईपास (ओएजीबी ) सर्जरी संपन्न की। इस दौरान मरीज के पेट पर 5 मिमी और 10 मिमी के छोटे चीरे लगाए गए। दूरबीन की मदद से मरीज के पेट की थैली को काटकर एक 60-80 मिली क्षमता का पाउच बनाया गया और आंत को काटकर छोटा (लगभग 200 सेमी) किया गया। इसके बाद पाउच को बाई पास करते हुए छोटी आंत से जोड़ दिया। डॉ पोल ने कहा, इस प्रक्रिया से शरीर जीएलपी- 1 हार्मोन रिलीज करेगा और जीआईपी हार्मोन नहीं बनाएगा। यानि हार्मोन असंतुलन की समस्या समाप्त हो जाएगी जो मोटापे के लिए जिम्मेदार होती है। यही नहीं, अगर मरीज को बीपी, शुगर, कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो वो भी खत्म हो जाएगी। उन्होंने बताया कि सर्जरी के बाद अगले 12 महीने में मरीज का वजन लगभग 100 किलो से ज्यादा कम हो जाएगा। फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है और वह अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। यह सर्जरी एम्स में बिल्कुल मुफ्त है। इसका लाभ सुपर-सुपर मोटापे वाले लोगों को बेझिझक उठाना चाहिए।