अमर सैनी
नोएडा।शहर के नालों की गहराई से सफाई शुरू होने में देरी होने के आसार हैं। आचार संहिता समाप्त होने के बाद अगले महीने टेंडर जारी किए जाएंगे। टेंडर जारी होने के कम से कम एक महीने बाद काम शुरू होगा। ऐसे में मानसून आने से पहले नालों की सफाई का काम पूरा होने की उम्मीद नहीं है। अभी प्राधिकरण ऊपरी तौर पर नालों की सफाई करा रहा है।
शहर में करीब 117 बड़े नाले हैं। इन सभी नालों का पानी सबसे बड़े सिंचाई नाले में मिलकर यमुना में पहुंचता है। सफाई नहीं होने से नाले ओवरफ्लो हो जाते हैं। इससे नालों का पानी शहर के आंतरिक हिस्सों में घुस जाता है, जिससे बारिश के दौरान जलभराव बड़ी समस्या बन जाता है। अब दो महीने में फिर से मानसून की आहट शुरू हो जाएगी। खास बात यह है कि जलभराव के लिए मुख्य तौर पर नालों की सफाई नहीं होना मुख्य वजह माना जाता है, लेकिन अभी तक इसको लेकर नोएडा में काम शुरू नहीं हुआ है। इस समय शहर के अधिकांश नालों में गंदगी जमा है। बीते सप्ताह ही निरीक्षण के दौरान नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम को खोडा रोड स्थित एलआईसी ऑफिस के पास नाला पूरी तरह गंदगी से अटा पड़ा हुआ मिला। इसके अलावा सेक्टर-5 हरौला, सेक्टर-50 सहित और नाले गंदगी से अटे पड़े हैं। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि नालों की सफाई का काम पूरे साल होता है, लेकिन पूरी तरह निचले तल से सिल्ट लगाने का काम साल में सिर्फ एक बार किया जाता है। इसके लिए चुनावा आचार संहिता समाप्त होते ही टेंडर जारी कर दिए जाएंगे। खास बात यह है कि पहली बार टेंडर प्रक्रिया में ही कंपनी का चयन हो जाता है, तभी सफाई का काम जुलाई में शुरू हो पाएगा। अगर दोबारा टेंडर जारी हुआ तो और देरी होगी।