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MGNREGA Protest: मनरेगा संशोधन के खिलाफ नोएडा में वाम दलों का प्रदर्शन, केंद्र सरकार से बदलाव वापस लेने की मांग

MGNREGA Protest: मनरेगा संशोधन के खिलाफ नोएडा में वाम दलों का प्रदर्शन, केंद्र सरकार से बदलाव वापस लेने की मांग

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधन के विरोध में सोमवार को नोएडा में वाम दलों के संयुक्त आह्वान पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। सेक्टर-आठ स्थित बांस-बल्ली मार्केट में आयोजित इस प्रदर्शन में सीपीआई(एम) के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी करते हुए संशोधनों को तुरंत वापस लेने की मांग की।

यह प्रदर्शन सीपीआई(एम) के जिला सचिव कामरेड रामसागर और जिला कमेटी सदस्य गंगेश्वर दत्त शर्मा के नेतृत्व में किया गया। प्रदर्शन के दौरान नेताओं ने कहा कि मनरेगा ग्रामीण भारत की आर्थिक रीढ़ रही है और इस योजना के जरिए करोड़ों ग्रामीण मजदूरों को रोजगार की गारंटी मिली थी। वाम नेताओं का आरोप है कि हालिया संशोधनों से इस कानून की मूल भावना को कमजोर कर दिया गया है।

माकपा नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि मनरेगा वर्ष 2006 में यूपीए सरकार के दौरान लागू किया गया था, जिसके तहत ग्रामीण मजदूरों को काम की कानूनी गारंटी मिलती थी। उन्होंने कहा कि अब लगभग 20 साल बाद भाजपा सरकार ने इस कानून का नाम बदलकर “विकसित भारत ग्रामीण गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण बिल 2025” कर दिया है, जिसे लोकसभा में पास कर दिया गया है। उनके अनुसार, पहले यह एक मजबूत कानूनी अधिकार था, लेकिन अब इसे सिर्फ एक मिशन का रूप दे दिया गया है, जिसे सरकार अपनी मर्जी से कभी भी बंद कर सकती है।

गंगेश्वर दत्त शर्मा ने आरोप लगाया कि मनरेगा में किए गए बदलाव ग्रामीण मजदूरों के हितों के खिलाफ हैं और इससे गांवों में बेरोजगारी और गरीबी बढ़ने का खतरा है। उन्होंने कहा कि वाम दल इन संशोधनों का हर स्तर पर विरोध करेंगे और ग्रामीण मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।

वहीं, पार्टी जिला सचिव कामरेड रामसागर ने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार ने मनरेगा में किए गए संशोधनों को वापस नहीं लिया, तो वाम दल पूरे देश में बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि करोड़ों गरीब मजदूरों के जीवनयापन का सहारा है और इसे कमजोर करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे और केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ जोरदार नारे लगाए गए। वाम दलों ने साफ किया कि जब तक संशोधन वापस नहीं लिए जाते, उनका विरोध जारी रहेगा।

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