Manipur: मणिपुर में सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई, पांच जिलों में चले सर्च ऑपरेशन में बरामद हुए 328 हथियार

Manipur: मणिपुर में सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई, पांच जिलों में चले सर्च ऑपरेशन में बरामद हुए 328 हथियार
मणिपुर में लंबे समय से जारी अशांति और हिंसा के बीच राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। 13 और 14 जून की मध्यरात्रि को मणिपुर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF), भारतीय सेना और असम राइफल्स की संयुक्त टीमों ने राज्य के पांच घाटी जिलों के बाहरी इलाकों में एक साथ खुफिया जानकारी के आधार पर सघन सर्च ऑपरेशन चलाया। यह ऑपरेशन मणिपुर में हालात को सामान्य करने, शांति बहाली और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों का हिस्सा था।
इस अभियान की जानकारी देते हुए मणिपुर पुलिस के एडीजीपी ल्हारी दोरजी ल्हातू ने बताया कि संयुक्त सुरक्षा टीमों ने इस दौरान भारी मात्रा में हथियार और युद्ध जैसी सामग्री बरामद की है। बरामद हथियारों की कुल संख्या 328 है, जिसमें 151 सेल्फ लोडिंग राइफल (SLR), 65 इंसास राइफल, 73 विभिन्न प्रकार की अन्य राइफलें, 5 कार्बाइन गन और 2 एमपी-5 सबमशीन गन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त बड़ी मात्रा में विस्फोटक, कारतूस और अन्य सैन्य स्तर की सामग्री भी बरामद की गई है।
यह कार्रवाई उन इलाकों में की गई जो पिछले कुछ समय से हिंसा, आगजनी और जातीय संघर्ष के कारण संवेदनशील माने जा रहे हैं। इन इलाकों में अवैध हथियारों का जखीरा जमा होने की आशंका पहले से ही सुरक्षा एजेंसियों को थी। खुफिया सूचना के आधार पर जब एक साथ कई इलाकों में ऑपरेशन शुरू किया गया तो बड़ी मात्रा में हथियार मिलने से यह साबित हुआ कि राज्य में अशांति फैलाने की बड़ी साजिशें सक्रिय थीं।
एडीजीपी ल्हातू ने कहा कि यह ऑपरेशन सुरक्षा बलों की समन्वित और पेशेवर कार्यशैली का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई राज्य को हिंसा और भय के वातावरण से निकालने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में ऐसे और अभियान चलाए जाएंगे ताकि राज्य में पूरी तरह से शांति और कानून व्यवस्था बहाल की जा सके।
बरामद हथियारों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है और सभी वस्तुओं की फॉरेंसिक जांच की जाएगी ताकि यह पता चल सके कि इनका स्रोत क्या है और इन्हें किन तत्वों द्वारा इस्तेमाल किया जाना था। साथ ही पुलिस ने उन लोगों की तलाश शुरू कर दी है जो इन हथियारों को छिपाने और संचालित करने में शामिल थे।
गौरतलब है कि मणिपुर पिछले एक साल से जातीय तनाव, हिंसा और विस्थापन जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं तक बंद करनी पड़ी थीं और सेना की तैनाती लंबे समय तक बनी रही। ऐसे में इस ऑपरेशन को राज्य में शांति स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लगातार इस प्रयास में लगी हैं कि मणिपुर को फिर से सामान्य स्थिति में लौटाया जा सके और आम नागरिक बिना डर के अपने जीवन को फिर से सामान्य ढंग से जी सकें।
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