
नई दिल्ली, 24 नवम्बर : लाईलाज बीमारियों के उपचार के लिए नई दवाओं की खोज और विकास को लेकर दुनियाभर के डॉक्टर और वैज्ञानिक मंगलवार को एम्स दिल्ली में जुटेंगे।
इस संबंध में एम्स दिल्ली के फार्माकोलॉजी विभाग के प्रो एचएन यादव ने बताया कि लाईलाज रोगों के उपचारों की खोज, रोगाणुरोधी प्रतिरोध के दुष्प्रभावों पर रोक और आधुनिक चिकित्सा संग पारंपरिक चिकित्सा को एकीकृत करने के प्रयासों में तेजी लाने के लिए एम्स परिसर में अंतर्राष्ट्रीय फार्माकोलॉजी सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस पांच दिवसीय ( 26 से 30 नवंबर) सम्मेलन में एएमआर या रोगाणु प्रतिरोध सबसे बड़ा मुद्दा होगा जिसके चलते देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। चूंकि ये दवाएं आसानी से उपलब्ध रहती हैं। ऐसे में एएमआर की वजह से होने वाले संक्रमणों का इलाज करना मुश्किल हो जाता है और बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
उन्होंने बताया कि यह फार्माकोलॉजी का 54वां वार्षिक सम्मेलन है जिसमें 100 से ज्यादा वक्ताओं के साथ विदेशी डॉक्टर, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वैज्ञानिक सहित 1500 लोग भाग लेंगे। अपने – अपने अनुभवों को साझा करेंगे। सम्मेलन में भारतीय मूल के मशहूर कनाडाई डॉक्टर एनएस ढल्ला भी शिरकत करेंगे जिनके सम्मान में कनाडा सरकार ने एक विशाल तांबे की मूर्ति उनके जीवनकाल में ही स्थापित की है।