किसी ने बैसाखी तो किसी ने बेटे का हाथ पकड़कर दिया वोट
किसी ने बैसाखी तो किसी ने बेटे का हाथ पकड़कर दिया वोट
अमर सैनी
नोएडा। नोएडा। पोलिंग बूथों पर अपने नेताजी को चुनने के लिए बुजुर्गों में गजब का उत्साह देखने को मिला। कोई बैसाखी के सहारे तो कोई बेटे का हाथ पकड़कर लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा लेने पहुंचा। इस दौरान कई ऐसे बुजुर्ग मिले जो सीधे अस्पताल की इमरजेंसी से डॉक्टर को दिखाने के बाद पोलिंग बूथ पर आ गए। इनका कहना था लोकतंत्र में एक-एक वोट का महत्व है। ऐसे में हम अपना वोट खराब नहीं कर सकते।
गढ़ी चौखड़ी में श्री कृष्ण इंटर कॉलेज में बने पोलिंग बूथ पर बेटे गोपाल के साथ वोट डालने आए 80 वर्षीय रामपत शर्मा चल तक नहीं पा रहे थे। बेटे के सहारे धीरे-धीरे पोलिंग बूथ पर पहुंचे। रामपत शर्मा ने बताया कि वोट डालकर मैंने अपनी जिम्मेदारी निभाई है और जीतने के बाद नेता को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। इसी बूथ पर अपने बेटे विक्रम सिंह के साथ वोट डालने आए 86 वर्षीय गिरधर सिंह इमरजेंसी में डॉक्टर को दिखाने के बाद सीधे पोलिंग बूथ पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनको खड़े होने पर चक्कर आ रहे हैं। इसलिए वोट डालने के बाद कुछ देर के लिए स्कूल परिसर में ही बैठ गए।
ममूरा में कंपोजिट स्कूल में बने बूथ में वोट डालने आई 79 वर्षीय दयावती जब खड़े-खड़े थक गईं तो दीवार के सहारे खड़ी हो गईं। उन्होंने बताया कि मैंने अपने वोट का महत्व समझा और आई। प्राइमरी स्कूल सलारपुर बूथ पर 77 वर्षीय सुरेंद्र शर्मा खुद से चल नहीं पा रहे थे, लेकिन उनके चेहरे पर वोट डालने का उत्साह साफ दिखाई दे रहा था। बेटे के हाथ थामे हुए उन्होंने कहा, ऐसा कैसे हो सकता है कि लोकंतत्र के पर्व में मैं हिस्सेदारी न लूं। बहलोलपुर के बूथ में वोट डालने आई 78 वर्षीय ब्रह्मा देवी ने बताया कि मुझे पेंशन नहीं मिलती है। मैंने अपने प्रत्याशी को जीताने के लिए वोट दिया है, ताकि वह मेरी पेंशन शुरू करा सकें।
एंबुलेंस, व्हील चेयर से पहुंचे मतदाता, प्लास्टर चढ़ाए भी पहुंचे
बीते पांच महीने से बेड रेस्ट पर रहे विवेक अग्रवाल ने शुक्रवार को एंबुलेंस से सेक्टर-49 के बूथ पर पहुंचे और वोट डाला। उन्होंने कहा कि देश के विकास के नाम पर उन्होंने वोट दिया। हालांकि डॉक्टरों ने उनको घर से निकलने की छूट नहीं दी थी। बावजूद इसके वह वोट डालने पहुंचे। इसी तरह से सेक्टर-17 के असिसि कान्वेंट स्कूल के बूथ पर मुकुल वाजपेयी वोट डालने पहुंचे। उनका पैर टूटा हुआ था और वह प्लास्टर के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचे। सेक्टर- 62 शताब्दी बिहार से नवादा के सामुदायिक केंद्र पर वोट डालने आईं शाइना व्हीलचेयर से पहुंची। इन्होंने बताया कि प्रत्याशी को जिताकर सरकार के गठन में अपना योगदान करना है।