दिल्ली

NIEPA ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर मौलाना आज़ाद मेमोरियल लेक्चर आयोजित किया

NIEPA ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर मौलाना आज़ाद मेमोरियल लेक्चर आयोजित किया

रिपोर्ट: हेमंत कुमार

शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक डीम्ड यूनिवर्सिटी, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर में सोहलवें मौलाना आज़ाद मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया। प्रोफेसर कुमार सुरेश ने प्रारंभिक संबोधन दिया। एनआईईपीए द्वारा स्थापित आज़ाद लेक्चर श्रृंखला का उद्देश्य शिक्षा, राष्ट्रनिर्माण और सामाजिक परिवर्तन के क्षेत्र में मौलाना आज़ाद के स्थायी योगदानों पर चिंतन करना है।

वर्ष 2025 में इस लेक्चर सीरीज का संबोधन अरविंद आश्रम के ट्रस्टी प्रोफेसर डॉ. रमेश बिजलानी द्वारा किया गया। डॉक्टर बिजलानी एक प्रतिष्ठित चिकित्सक, शिक्षाविद, लेखक, प्रेरक वक्ता और वैज्ञानिक हैं। उन्होंने “समकालीन शिक्षा और श्री अरविंद के विचार” विषय पर व्याख्यान दिया। इस व्याख्यान में उन्होंने आधुनिक शिक्षा प्रणाली की बदलती चुनौतियों और आकांक्षाओं के शैक्षिक दर्शन की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा को रटने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि जिज्ञासा, रचनात्मकता और स्पष्ट सोच को प्रोत्साहित करते हुए सीखने में आनंद का विकास करना चाहिए, ताकि विद्यार्थी आजीवन सीखने वाले बन सकें। प्रो. बिजलानी ने मनोशिक्षा की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भीतर के आत्मबोध को जागृत करती है, जो व्यक्ति के आचरण को दिशा देने वाला नैतिक मार्गदर्शक बनता है, जिससे चरित्र निर्माण को बौद्धिक विकास से अलग नहीं किया जा सकता।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि शिक्षार्थियों को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक ज्ञान से जुड़ा रहना चाहिए तथा शिक्षा में मूल्यों, योग और चिंतनशील अभ्यासों का समावेश किया जाना चाहिए। श्री अरविंद का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “शिक्षा का मुख्य उद्देश्य यह होना चाहिए कि वह विकास के चरण के दौरान विद्यार्थी की अंतर्निहित श्रेष्ठता को बाहर लाने में सहायक हो”।

एनआईईपीए, भारत और दक्षिण एशिया में शैक्षिक नेतृत्व एवं प्रबंधन के क्षेत्र में क्षमता निर्माण, नीतिगत योजना और अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान बना हुआ है। ऐसे लेक्चर्स और अकादमिक संवादों के माध्यम से एनआईईपीए शिक्षा नीति और व्यवहार में इनोवेशन और विमर्श को बढ़ावा देता रहा है, जो राष्ट्र के व्यापक शैक्षिक लक्ष्यों के अनुरूप है।

कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए संस्थान की कुलपति प्रो. शशिकला वंजारी ने कहा, “मौलाना आज़ाद मेमोरियल लेक्चर भारत की समृद्ध शैक्षिक विरासत और उसके भविष्य के प्रति एहसास की याद दिलाता है। श्री अरविंद जैसे विचारकों के चिंतन को समकालीन दृष्टि से जोड़कर, हमने भारत में शिक्षा की नैतिक और बौद्धिक नींव को सुदृढ़ करने का प्रयास किया है।”

इस आयोजन ने शिक्षाविदों, नीतिनिर्माताओं, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों को एक साथ लाकर ऐसे विचारों पर विचार-विमर्श का अवसर प्रदान किया, जो एक प्रगतिशील और समावेशी समाज के लिए शिक्षा को दिशा देते हैं। एनआईईपीए शिक्षा के क्षेत्र में विचार नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान, प्रशिक्षण और संवाद के माध्यम से भारत के बदलते शैक्षिक परिदृश्य के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. श्री सूर्य नारायण मिश्रा, कुलसचिव, एनआईईपीए ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

 

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