
New Delhi : विश्व पंजाबी संगठन और ग्लोबल इंटरफेथ हार्मोनी फ़ाउंडेशन ने आज अपने अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विक्रमजीत सिंह साहनी के नेतृत्व में विज्ञान भवन, नई दिल्ली में एक अंतरधार्मिक सम्मेलन का आयोजन लिया। इस सम्मेलन में भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे।
सम्मेलन में सिख, हिंदू, इस्लाम, ईसाई और जैन धर्म के शीर्ष धार्मिक गुरु भारत की धार्मिक आज़ादी, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक सद्भाव के विचार के लिए एक साथ आते हुए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।
उपराष्ट्रपति ने श्री गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धांजलि दी और उनकी शहादत को भारत के धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों की नैतिक नींव बताया। उन्होंने कहा कि 1675 में गुरु जी का बलिदान धार्मिक आज़ादी की रक्षा में हिम्मत की निशानी है और इस बात पर ज़ोर दिया कि यह सम्मेलन भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के मूल्यों को दर्शाता है।
डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के सर्वोच्च बलिदान को मानव अधिकारों के लिए वैश्विक इतिहास में एक अहम पल के तौर पर याद किया। उन्होंने कहा कि धार्मिक आज़ादी एक सभ्य समाज की नींव है और गुरु तेग बहादुर जी की शहादत हर इंसान के बिना डरे अपने धर्म को मानने के अधिकार को बनाए रखने के लिए थी।





