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Himachal Drugs Crackdown: चिट्टे के विरुद्ध जन आंदोलन में हर वर्ग बने भागीदार: मुख्यमंत्री सुक्खू

Himachal Drugs Crackdown: चिट्टे के विरुद्ध जन आंदोलन में हर वर्ग बने भागीदार: मुख्यमंत्री सुक्खू
धर्मशाला में एनकोर्ड की राज्य स्तरीय बैठक, 10 दिसंबर तक नशे की संपत्तियों की रिपोर्ट तलब

शिमला/धर्मशाला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को जिला कांगड़ा के धर्मशाला में नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एनकोर्ड) की छठी राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश में नशे के खिलाफ चल रहे अभियान को और व्यापक, सख्त और परिणामकारी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिट्टा सहित सभी मादक पदार्थों को हिमाचल की सीमा से पूरी तरह समाप्त करने के लिए जनसहभागिता अत्यंत आवश्यक है और राज्य सरकार इस लड़ाई को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ा रही है। बैठक में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ एनसीबी, ईडी, डीआरआई, डाक विभाग और आरपीएफ जैसी प्रमुख केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 234 अत्यधिक संवेदनशील पंचायतों में सीआईडी और पुलिस बल की विशेष तैनाती की गई है। उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि इन पंचायतों में नशा निवारण समितियां तत्काल गठित की जाएं और सभी जिलों में नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन सेंटर की नियमित बैठकें आयोजित हों। मुख्यमंत्री ने युवाओं, अभिभावकों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, महिला मंडलों और स्वयंसेवी संस्थाओं से नशा-मुक्त हिमाचल के लक्ष्य में सक्रिय भागीदारी की अपील की।

उन्होंने आगे कहा कि नशे से अर्जित संपत्तियों की पूरी जानकारी 10 दिसंबर तक प्रस्तुत की जाए, जिसके बाद सरकार इन्हें ध्वस्त करेगी। उन्होंने चिट्टा तस्करी में सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि अब तक 60 कर्मचारी पकड़े गए हैं, जिनमें 15 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इनमें से 5 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जा चुका है तथा अन्य के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई जारी है। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे सभी कर्मचारियों की विस्तृत रिपोर्ट 10 दिसंबर तक भेजी जाए।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि जल्द ही एंटी-चिट्टा वॉकथॉन जिला और सब-डिवीजन स्तर पर आयोजित की जाएगी, जिसका उद्देश्य समाज के हर वर्ग को इस अभियान से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सख्त प्रवर्तन के साथ-साथ नशा पीड़ितों की काउंसलिंग, इलाज और पुनर्वास के लिए भी मजबूत ढांचा तैयार कर रही है। सभी सरकारी भर्तियों में ड्रग टेस्ट अनिवार्य किया गया है तथा स्कूल और कॉलेजों में एंटी-ड्रग क्लब, प्रहरी क्लब और साथी शिक्षा कार्यक्रम और सक्रिय बनाए जा रहे हैं। फार्मा कंपनियों की गहन जांच की जा रही है और भांग की खेती पर सख्त निगरानी बढ़ाई गई है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) में भी नशा नियंत्रण से जुड़े मानकों को शामिल किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि चिट्टा सूचना इनाम योजना के तहत सूचना देने वाले व्यक्ति को 10 हजार रुपये से 10 लाख रुपये तक का पुरस्कार दिया जाएगा, जिसे 30 दिनों के भीतर प्रदान किया जाएगा। सूचना 112 पर कॉल करके या नजदीकी पुलिस स्टेशन में दी जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 5642 एनडीपीएस मामले दर्ज किए गए, 8216 गिरफ्तारियां हुईं और 36.657 किलो चिट्टा बरामद किया गया। हिमाचल ने 46 कुख्यात तस्करों को हिरासत में लिया और 48 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की।

राज्य ने पंचायतों को रेड-येलो-ग्रीन वर्गों में बांटकर 12,000 संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की है, जो देश में पहली पहल है और अब राष्ट्रीय मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। हाल ही में 17 और 18 नवंबर को राज्यव्यापी नाकाबंदी में 16,441 वाहन चेक किए गए, 13 एनडीपीएस मामले दर्ज हुए और भारी मात्रा में नशीला पदार्थ पकड़ा गया। 22 नवंबर को 121 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर 10 बड़े तस्कर नेटवर्क पर कार्रवाई की गई। 25 नवंबर को शिक्षण संस्थानों के आसपास 41 परिसरों और 598 दुकानों की तलाशी में 12 केस दर्ज और 385 चालान किए गए।

बैठक में मुख्य सचिव संजय गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्याम भगत नेगी, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, कई विभागीय सचिव और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

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