
Harvard University में विदेशी छात्रों के एडमिशन पर ट्रंप प्रशासन की रोक, 72 घंटे में पूरी करनी होंगी 6 जरूरी शर्तें। जानिए क्या है नया आदेश और किन दस्तावेजों की है ज़रूरत।
Harvard University में पढ़ना है तो पूरी करनी होंगी ये 6 शर्तें, ट्रंप प्रशासन ने दिए 72 घंटे
Harvard University में विदेशी छात्रों के एडमिशन पर लगी रोक
Harvard University में पढ़ने का सपना देख रहे भारतीय और विदेशी छात्रों को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए एफ-1 और जे-1 वीजा धारकों के एडमिशन पर रोक लगा दी है। इसका सीधा असर 800 भारतीय और करीब 6800 विदेशी छात्रों पर पड़ सकता है।
हालांकि ट्रंप प्रशासन ने विदेशी छात्रों को 72 घंटे का समय दिया है, जिसके भीतर उन्हें 6 जरूरी शर्तें पूरी करनी होंगी। ये शर्तें पूरी होने पर ही छात्रों को Harvard University में पढ़ाई की अनुमति मिल सकती है।
क्या हैं ये 6 शर्तें?
1. अवैध गतिविधियों से जुड़े दस्तावेज़ सौंपने होंगे
विदेशी छात्रों को Harvard University में या बाहर की किसी भी अवैध गतिविधि से जुड़े सभी दस्तावेज़ प्रशासन को देने होंगे। इसमें ईमेल, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड, ऑडियो और वीडियो फुटेज शामिल हैं।
2. हिंसात्मक घटनाओं के वीडियो देने होंगे
पिछले 5 सालों में अगर किसी छात्र के पास कोई ऐसा वीडियो फुटेज है जिसमें हिंसा दिख रही हो, तो वह प्रशासन को देना अनिवार्य होगा। यह फुटेज यूनिवर्सिटी कैंपस के हो या बाहर के—महत्व नहीं रखता।
3. धमकी से जुड़े रिकॉर्ड
अगर किसी छात्र के पास ऐसे रिकॉर्ड हैं जिसमें Harvard University स्टाफ या छात्रों को धमकाने की जानकारी हो, तो उसे भी प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
4. अधिकारों के हनन से जुड़ी जानकारी
किसी छात्र द्वारा किसी अन्य सहपाठी या स्टाफ के अधिकारों का हनन किया गया हो और उसका कोई प्रमाण हो (वीडियो/ऑडियो), तो उसकी जानकारी प्रशासन को देनी होगी, चाहे वह घटना Harvard University के बाहर ही क्यों न घटी हो।
5. विरोध प्रदर्शन से संबंधित दस्तावेज़
यदि कोई छात्र किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल रहा है, तो उससे संबंधित सभी दस्तावेज भी यूनिवर्सिटी प्रशासन को सौंपने होंगे।
6. अनुशासनहीनता का रिकॉर्ड
पिछले कुछ वर्षों में किसी भी तरह की अनुशासनहीनता से जुड़ा रिकॉर्ड भी प्रशासन के पास जमा कराना होगा।
छात्रों का भविष्य अधर में
इस अचानक आए फैसले ने हजारों छात्रों के भविष्य को संकट में डाल दिया है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ने का सपना देख रहे भारतीय छात्रों को भी भारी मानसिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
क्या है अगला कदम?
ट्रंप प्रशासन के इस निर्णय को लेकर विरोध के सुर उठने लगे हैं। कई शिक्षाविद और मानवाधिकार संगठनों ने इस कदम की आलोचना की है और इसे विदेशी छात्रों के प्रति भेदभावपूर्ण करार दिया है।
Harvard University में दाखिला लेने की चाह रखने वाले भारतीय और विदेशी छात्रों के लिए अब यह केवल शैक्षणिक योग्यता की बात नहीं रही। ट्रंप प्रशासन द्वारा तय की गई 6 शर्तें अब उनके दाखिले की राह तय करेंगी। छात्रों को 72 घंटे के भीतर जरूरी दस्तावेज़ सौंपने होंगे, वरना उनका दाखिला रद्द माना जाएगा।