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हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद पूर्व सैनिक स्वस्थ, सामान्य जिंदगी में लौटा

-27 वर्षीय युवक की ब्रेन डेथ के बाद परिजनों ने किया था अंगदान

नई दिल्ली, 4 जुलाई: सेना के डॉक्टरों ने एक पूर्व सैनिक के सीने में नया दिल लगाकर ना सिर्फ उसे नया जीवन दिया है। बल्कि मेडिकल सेवा के क्षेत्र में सैन्य अफसरों की योग्यता को फिर से साबित कर दिखाया है। दरअसल, सड़क दुर्घटना में घायल होने के चलते ब्रेन डेड घोषित 27 वर्षीय युवक के परिजनों ने उसके अंग स्वेच्छा से दान कर दिए थे। उन अंगों में से युवक का ह्रदय सेना अस्पताल आरआर को आवंटित किया गया था, जिसे ह्रदय विफलता से पीड़ित एक सेवानिवृत्त सैनिक के सीने में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित कर दिया गया।

सशस्त्र बल अंग पुनर्प्राप्ति एवं प्रत्यारोपण प्राधिकरण, आर्मी अस्पताल आर एंड आर, दिल्ली के मुताबिक बीते 21 मई को एम्स के जय प्रकाश नारायण अपैक्स ट्रामा सेंटर और राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की ओर से एक युवक का जीवित दिल आवंटित हुआ था। इसे कर्नल चुइमी कीशिंग, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रवीण और कैप्टन स्पर्शा की टीम और ट्रैफिक पुलिस की मदद से एक ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से आर्मी अस्पताल में लाया गया। टीमों के बीच समन्वय, काउंसलिंग और ग्रीन कॉरिडोर का काम लेफ्टिनेंट कर्नल चेतना शर्मा ने किया।

इसके बाद कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के एचओडी ब्रिगेडियर जसविंदर सिंह ने कर्नल पॉल एम वर्गीस, सर्जन कैप्टन अभिषेक और मेजर सौम्या की सहायता से हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी को संपन्न किया। मरीज को ओटी से एसडीआईसीयू में शिफ्ट किया गया और कुछ समय बाद अस्पताल से छुट्टी से दी गई। अब यह मरीज पूर्णतया स्वस्थ है। हृदय प्रत्यारोपण के माध्यम से न सिर्फ सेवानिवृत सैनिक के परिजनों का जीवन खुशियों से भर गया है। बल्कि ह्रदय जैसा अद्भुत उपहार पाने वाला सैनिक भी सामान्य जीवन में लौट आया है।

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