नई दिल्ली, 29 अगस्त : केंद्र सरकार ने देश को 2025 तक ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है जिसे हम एक लाख 73 हजार 881 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, विभिन्न चिकित्सा संस्थानों और निक्षय जैसी सरकारी पोषण योजनाओं के माध्यम से जल्द ही हासिल कर लेंगे।
यह बातें केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने वीरवार को ‘मल्टी-सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मेदांता’ के ‘मिशन टीबी फ्री’ अभियान के 10 साल पूरे होने के अवसर पर नई दिल्ली में कहीं। इस दौरान उन्होंने मेदांता अस्पताल के टीबी मुक्त अभियान की सराहना करते हुए कहा कि कॉर्पोरेट क्षेत्र के अन्य अस्पतालों को भी जनहित में आगे आना चाहिए। पटेल ने आगे कहा, जब हम सब मिलकर एक साथ टीबी से लड़ेंगे तो टीबी हारेगा और भारत जीतेगा।
इस अवसर पर मंत्री पटेल और मेदांता (ग्लोबल हेल्थ लिमिटेड) के सीएमडी डॉ. नरेश त्रेहान ने एक मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जो टीबी से पीड़ित लोगों के घर के नजदीक जाकर उन्हें स्क्रीनिंग और ट्रीटमेंट की सुविधा उपलब्ध कराएगी। उनके साथ सीईओ पंकज साहनी, सेंट्रल टीबी डिवीजन की प्रभारी डॉ उर्वशी और हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अनेक अधिकारी मौजूद रहे।
डॉ त्रेहान ने कहा, ‘‘हमारे ‘मिशन टीबी फ्री’ अभियान को एक दशक पूरा हो गया है। पिछले एक दशक में, ‘मिशन टीबी फ्री’ के तहत, मेदांता ने ट्यूबरक्लोसिस के लिए 10 लाख लोगों की जांच की है, इसके साथ साथ 80,000 छाती के एक्स-रे किए हैं और हरियाणा व सीमावर्ती राज्यों दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश में टीबी के 10,000 से अधिक मामलों का निदान किया है। इस प्रोग्राम ने बीमारी का पता लगाने की दर को बढ़ाकर टीबी देखभाल में काफी सुधार किया है, खासकर दूरदराज के इलाकों में जहां चिकित्सा सुविधाओं तक लोगों की पहुंच सीमित है।
उन्होंने कहा, 2014 में एक सिंगल मोबाईल यूनिट से 2023 में पांच यूनिटों तक की हमारी वृद्धि में अनुदानों, सामरिक साझेदारियों से काफी मदद मिली है। हम देश को टीबी मुक्त बनाने में भारत के राष्ट्रीय उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।