
Guwahati Earthquake: असम के मोरीगांव में आधी रात को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.0 मापी गई। जानें भूकंप आने के कारण, प्रभाव और सुरक्षा उपाय।
Guwahati Earthquake: मोरीगांव में 5.0 तीव्रता के झटके, दहशत में लोग
गुरुवार देर रात असम के मोरीगांव में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भारतीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, यह भूकंप रात करीब 2:25 बजे आया और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.0 मापी गई। भूकंप के झटकों से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई और कई लोग घरों से बाहर निकल आए।
Guwahati Earthquake: भूकंप क्यों आता है?
पृथ्वी की सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों पर बनी होती है, जो निरंतर गति में रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या घर्षण होता है, तो फॉल्ट लाइनों पर दबाव बनता है। जब यह दबाव अधिक हो जाता है, तो ऊर्जा के विस्फोट से भूकंप उत्पन्न होता है।
Guwahati Earthquake: भूकंप का केंद्र और तीव्रता क्या होती है?
- भूकंप का केंद्र (एपीसेंटर): वह स्थान जहां भूकंप की उत्पत्ति होती है और कंपन सबसे अधिक महसूस होता है।
- तीव्रता (मैग्नीट्यूड): रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9+ तक मापा जाता है।
भूकंप से संभावित नुकसान
रिक्टर स्केल | प्रभाव |
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0 – 1.9 | केवल सीस्मोग्राफ से पता चलता है |
2 – 2.9 | हल्का कंपन |
3 – 3.9 | ट्रक गुजरने जैसी हलचल |
4 – 4.9 | खिड़कियां टूट सकती हैं |
5 – 5.9 | फर्नीचर हिल सकता है |
6 – 6.9 | इमारतों की नींव दरक सकती है |
7 – 7.9 | इमारतें गिर सकती हैं, पाइपलाइन फट सकती हैं |
8 – 8.9 | पुल गिर सकते हैं, सुनामी का खतरा |
9+ | पूरी तबाही, धरती हिलती दिखेगी |
Guwahati Earthquake: भूकंप से बचाव के उपाय
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भूकंप के दौरान
- टेबल या मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपें।
- दरवाजों और खिड़कियों से दूर रहें।
- लिफ्ट का उपयोग न करें।
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भूकंप के बाद
- खुले स्थान में रहें।
- बिजली, गैस और पानी की लाइनें चेक करें।
- अफवाहों पर विश्वास न करें।
असम में आए इस भूकंप से अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है।