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Gujarat : विश्व का एकमात्र सिंह मंदिर, अनोखी परंपरा और मानव-वन्यजीवन के सहअस्तित्व का जीवंत उदाहरण

Gujarat News (अभिषेक बारड): विश्व का एकमात्र सिंह मंदिर गुजरात के अमरेली ज़िले के राजुला तहसील में स्थित है, जो अनोखी परंपरा और मानव-वन्यजीवन के सहअस्तित्व का जीवंत उदाहरण है। हम भगवान के अनेक मंदिर देख चुके हैं, जहाँ देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की पूजा की जाती है, लेकिन यह मंदिर अपनी विशिष्टता के लिए जाना जाता है — यहाँ शेरनी को देवता के समान माना जाता है और उसकी पूजा-अर्चना की जाती है।

राजुला तहसील के एक क्षेत्र में स्थित यह सिंह मंदिर स्थानीय लोगों की श्रद्धा और प्रेम का प्रतिबिंब है। ग्रामीण मानते हैं कि सिंह और शेरनी इस भूमि के रक्षक हैं और उनके आशीर्वाद से गाँव में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। यहाँ गाँव के लोग शेरनी की प्रतिमा या स्मारक के सामने दीप जलाते हैं, फूल अर्पित करते हैं और प्रार्थना करते हैं। विशेष अवसरों पर ग्रामीण सामूहिक रूप से पूजा करते हैं और सिंह-शेरनी के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

यह मंदिर केवल धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि पर्यावरण और वन्यजीवन के प्रति स्थानीय लोगों की संवेदनशीलता और ज़िम्मेदारी का प्रतीक भी है। यहाँ लोग इस बात के प्रति सजग रहते हैं कि सिंहों को कोई ख़तरा न हो और उनकी सुरक्षा के लिए प्रशासन को सहयोग देते हैं। सिंह को “जंगल का राजा” मानने के साथ ही उसे अपने समाज का एक अंग मानने की भावना यहाँ देखने को मिलती है।

विश्व सिंह दिवस जैसे अवसरों पर इस मंदिर का महत्व और अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि एशियाई शेरों की संख्या को बनाए रखने में गुजरात, और ख़ास तौर पर अमरली ज़िले के लोगों ने विशेष योगदान दिया है। राजुला का यह सिंह मंदिर अनोखी धार्मिक मान्यता और प्राकृतिक विरासत की संयुक्त पहचान बन चुका है, जो दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलती।

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