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Greater Noida Registry: ग्रेटर नोएडा में सब्सीक्वेंट मेंबरों को मिलेगा मालिकाना हक, प्राधिकरण ने रजिस्ट्री की मंजूरी दी

Greater Noida Registry: ग्रेटर नोएडा में सब्सीक्वेंट मेंबरों को मिलेगा मालिकाना हक, प्राधिकरण ने रजिस्ट्री की मंजूरी दी

नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने आवासीय समितियों में एक बड़ा फैसला लेते हुए सब्सीक्वेंट मेंबरों (काबिजदारों) को अब रजिस्ट्री का अधिकार देने की मंजूरी दे दी है। इससे अब इन समितियों में पंजीकृत संपत्तियों पर सब्सीक्वेंट मेंबरों को भी मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में सीनियर सिटीजन सोसाइटी, एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड और कई अन्य आवासीय समितियां हैं, जिनमें निर्माण पूरा न होने के कारण संपत्ति का हस्तांतरण नहीं हो पा रहा था। खरीदार पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर इन संपत्तियों की खरीद-बिक्री कर रहे थे। कई संपत्तियां एक ही पावर ऑफ अटॉर्नी पर एक से अधिक बार बिक चुकी थीं, लेकिन रजिस्ट्री न होने के कारण खरीदारों को मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा था। इस वजह से इन संपत्तियों की बाजार कीमत भी अन्य संपत्तियों की तुलना में कम थी, जिससे खरीदार काफी परेशान थे।

प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की पहल पर आवासीय समिति विभाग ने बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव रखा, जिसे बोर्ड ने मंजूर कर लिया। इस नीति के तहत कुछ शर्तें भी लागू की गई हैं। आवासीय समिति के पदाधिकारियों को शपथ पत्र देना होगा कि वर्तमान में आवंटित भवन पर ही सब्सीक्वेंट मेंबर का कब्जा है। सभी सदस्यों के पक्ष में सबलीज डीड कराने के लिए अलग-अलग एनओसी अनिवार्य होंगे। काबिजदारों को भी शपथ पत्र देना होगा कि भविष्य में किसी भी आपत्ति की स्थिति में जिम्मेदारी पूरी तरह उनके ऊपर होगी। 100 रुपये के स्टांप पेपर पर इंडेमनिटी बॉन्ड देना होगा, जिसमें यह पुष्टि होगी कि किसी भी देयता की स्थिति में भुगतान काबिजदार करेगा और कोर्ट में कोई वाद नहीं दायर करेगा।

इसके अतिरिक्त, आवासीय समिति की सूची में मूल सदस्य से लेकर अंतिम काबिजदार तक ट्रांसफर चार्जेस का भुगतान अंतिम काबिजदार करेगा। यह नीति केवल उन प्रकरणों पर लागू होगी, जिनकी खरीद आवासीय समिति की कार्यपूर्ति से पहले हुई है। प्रत्येक सब्सीक्वेंट मेंबर को प्रति सदस्य ट्रांसफर शुल्क का भुगतान करना होगा। बोर्ड ने इस प्रस्ताव पर मंजूरी देते हुए इसे लागू करने का रास्ता साफ कर दिया है।

साथ ही, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने निर्मित फ्लैटों के लिए नई स्कीम लाने की भी तैयारी पूरी कर ली है। सेक्टर ओमीक्रॉन वन में स्थित बहुमंजिला आवासीय इमारतों के फ्लैटों का आवंटन ऑनलाइन आवेदन और ई-ऑक्शन के जरिए किया जाएगा। बोर्ड ने स्कीम के ब्रोशर और नियम-शर्तों पर भी अपनी मंजूरी दे दी है। इससे शहर में अपने आषियाने की चाह रखने वाले लोगों को जल्द ही अवसर मिलेगा।

इस निर्णय से न केवल खरीदारों के हितों की रक्षा होगी, बल्कि ग्रेटर नोएडा में रियल एस्टेट लेन-देन और पारदर्शिता भी बढ़ेगी। प्राधिकरण का यह कदम शहर में आवासीय संपत्तियों के मालिकाना हक को स्पष्ट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

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