Frank Caprio Death: अमेरिका के दयालु जज फ्रैंक कैप्रियो का 88 साल की उम्र में निधन, जानिए क्यों थे इतने फेमस?
Frank Caprio Death: अमेरिका के मशहूर जज फ्रैंक कैप्रियो का 88 साल की उम्र में निधन। उन्हें ‘दयालु न्यायाधीश’ कहा जाता था। जानें उनकी जिंदगी और लोकप्रियता की कहानी।

Frank Caprio Death: अमेरिका के मशहूर जज फ्रैंक कैप्रियो का 88 साल की उम्र में निधन। उन्हें ‘दयालु न्यायाधीश’ कहा जाता था। जानें उनकी जिंदगी और लोकप्रियता की कहानी।
अमेरिका के दयालु जज Frank Caprio का निधन
अमेरिका के मशहूर और दुनियाभर में लोकप्रिय जज Frank Caprio का 88 साल की उम्र में निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। उनकी मृत्यु की जानकारी उनके आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से साझा की गई।
क्यों कहलाए “दयालु जज”?
फ्रैंक कैप्रियो को लोग सिर्फ कानूनी फैसलों के लिए नहीं, बल्कि दयालु और इंसानियत भरे व्यवहार के लिए याद करते हैं। कोर्टरूम में उनके फैसले अक्सर करुणा और सहानुभूति से भरे होते थे। इसी वजह से उन्हें अमेरिका का सबसे दयालु न्यायाधीश कहा जाता था।
88 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
आधिकारिक बयान के अनुसार, जज Frank Caprio ने कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद 88 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली।
बयान में कहा गया –
“न्यायाधीश कैप्रियो अपनी करुणा, विनम्रता और इंसानियत में विश्वास के कारण लाखों लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे। उन्हें न केवल एक सम्मानित जज के रूप में बल्कि एक समर्पित पति, पिता और मित्र के रूप में भी याद किया जाएगा।”
2023 में लिया रिटायरमेंट
Frank Caprio 1985 में जज बने थे और लगभग चार दशकों तक लोगों की सेवा करने के बाद साल 2023 में रिटायर हुए। दिसंबर 2023 में उन्हें कैंसर की गंभीर बीमारी का पता चला।
आखिरी पोस्ट से जताया आभार
निधन से मात्र 24 घंटे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी आखिरी पोस्ट साझा की थी। इसमें उन्होंने लोगों से मिले प्यार, दुआओं और सहयोग के लिए आभार जताया। अस्पताल में रहते हुए भी उन्होंने कहा था कि उनका परिवार बेहद आभारी है।
Frank Caprio की लोकप्रियता
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उन्हें Caught in Providence शो से दुनियाभर में पहचान मिली।
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वे गरीब और जरूरतमंद लोगों को सजा के बजाय मौके देते थे।
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उनके फैसले हमेशा सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे।
फ्रैंक कैप्रियो सिर्फ एक जज नहीं, बल्कि दयालुता और इंसानियत की मिसाल थे। उनका निधन अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को इंसाफ और इंसानियत के बीच संतुलन बनाने की प्रेरणा देती रहेगी।